भभुआ सदर. बायोमेट्रिक अटेंडेंस, प्रशासनिक उत्पीड़न और कर्मचारियों की कमी को लेकर डॉक्टरों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही. डॉक्टरों के हड़ताल पर रहने की वजह से सदर अस्पताल में ओपीडी दूसरे दिन भी ठप रहा, जिसके चलते कई मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा, तो कई सामान्य मरीज इमरजेंसी में तैनात रहे डॉक्टर से देख लेने की गुहार लगाते रहे. शुक्रवार को सदर अस्पताल में इलाज को आयी चैनपुर प्रखंड के लोदीपुर की रहनेवाली बेबी देवी, पतरीहा भगवानपुर की संगीता देवी आदि का कहना था कि बच्चे को बुखार था उसे दिखाने लायी थी. ओपीडी तो बंद था, लेकिन इमरजेंसी में उसका इलाज हो गया. हाटा की रहनेवाली परवीन जहां ने बताया कि धूप बढ़ने के चलते सुबह सात बजे ही इलाज के लिए घर से निकले थे. अस्पताल आने पर जानकारी हुई कि आज महिला डॉक्टर इलाज नही करेंगी. इसके बाद काफी परेशानी हुई आने में भाड़ा भी 40 रुपये लग गया, अब डॉक्टर नहीं देखेंगे तो दवा कौन देगा. हालाकि, सुबह से आये कुछ मरीजों को डॉक्टरों के हड़ताल पर रहने व ओपीडी बंद रहने की खबर नहीं थी, जिसके चलते वह ओपीडी खुलने के इंतजार में बैठे रहे. लेकिन, उन्हें भी जब जानकारी हुई तो ओपीडी से इलाज कराने इमरजेंसी में चले गये. = पर्ची काटकर क्या अस्पताल में हंगामा करवाएं सदर अस्पताल में डॉक्टरों के दूसरे दिन भी हड़ताल पर डटे रहने के चलते भले ही ओपीडी बंद रह रहा हो. लेकिन, ओपीडी में संचालित सभी विभाग खुले रह रहे हैं. ओपीडी में पर्ची, दवा, एक्सरे, पैथोलॉजिकल जांच केंद्र तो खुले रहे, लेकिन डॉक्टरों के नहीं बैठने से सभी विभाग खुले रहने के बावजूद बंद के सामान रहा. वहीं, ओपीडी के बाहर टहल रहे पर्ची काउंटर पर कार्यरत एक ऑपरेटर ने बताया कि, जब डॉक्टर ही नहीं बैठ रहे हैं तो हमलोग पर्ची कैसे काटे. उनका कहना था कि जब डॉक्टर ओपीडी में देखेंगे ही नहीं, तो पर्ची काटकर क्या अस्पताल में हंगामा करवाना है. = आज शनिवार को भी ओपीडी रहेगा बंद गौरतलब है कि शिवहर में डीएम द्वारा डॉक्टर से दुर्व्यवहार करने, डॉक्टरों ने बायोमेट्रिक अटेंडेंस, प्रशासनिक उत्पीड़न और स्टाफ की कमी को लेकर बिहार सहित कैमूर के भी सरकारी डॉक्टर ओपीडी को ठप कर तीन दिवसीय हड़ताल पर हैं. शुक्रवार को भी कार्य बहिष्कार के चलते ओपीडी बंद रहा और राज्य निर्देश के आधार पर आज यानी शनिवार को भी सदर अस्पताल सहित पूरे जिले में डॉक्टर ओपीडी ठप रखेंगे, जिसके चलते मरीजों पर आज भी शामत रहेगी और उन्हें अपने इलाज के लिए भटकना पड़ेगा. हालांकि, डॉक्टरों की हड़ताल की जानकारी होने के चलते मरीजों की संख्या भी काफी कम हो गयी है.
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