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अब सरकारी स्कूलों में छात्रों की फेस रीडिंग से होगी हाजिरी, दिसंबर से दिया जायेगा प्रशिक्षण

KAIMUR NEWS.जिले के सभी सरकारी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने व शिक्षण वातावरण को और बेहतर बनाने की दिशा में शिक्षा विभाग लगातार नये-नये उपाय कर रही है.

विद्यालय परिसर से बाहर रहने पर दर्ज नहीं होगी उपस्थिति, सरकार स्कूलों को हाइटेक बनाने के लिए कर रही नयी पहल, विभाग स्तर से जारी हुआ निर्देश

प्रतिनिधि, भभुआ नगर.

जिले के सभी सरकारी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने व शिक्षण वातावरण को और बेहतर बनाने की दिशा में शिक्षा विभाग लगातार नये-नये उपाय कर रही है. इसी क्रम में सरकार ने स्कूलों को हाइटेक बनाने की बड़ी पहल करते हुए राज्यभर की सभी सरकारी विद्यालयों में अब बच्चों की उपस्थिति डिजिटल तरीके से ‘बिहार अटेंडेंस ऐप’ के माध्यम से दर्ज करने का फैसला लिया है. जो फेस रिकॉग्निशन तकनीक पर आधारित होगी. बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से तैयार यह ऐप एंट्रोलैब आइटी सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड ने विकसित किया है. ऐप के सफल उपयोग के लिए दिसंबर माह में सभी जिलों में प्रशिक्षण आयोजित किया जायेगा. परियोजना निदेशक मयंक वरवड़े ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अपने जिले के प्रत्येक विद्यालयों में प्रशिक्षण को सुचारू रूप से आयोजित करायें, जिसके प्रशिक्षण के लिए एजेंसी के द्वारा लिंक उपलब्ध कराया जायेगा.

शिक्षक और छात्र दोनों की उपस्थिति फेस रीडिंग से दर्ज होगी

नयी प्रणाली के तहत शिक्षकों और छात्रों दोनों की उपस्थिति अब फेस रीडिंग के जरिये दर्ज होगी. स्कूल पहुंचने पर ऐप स्वत: छात्रों का चेहरा स्कैन करेगा और उनकी अभिव्यक्तियों के साथ उपस्थिति दर्ज करेगा. किसी भी शिक्षक को उपस्थिति दर्ज करने से पहले अपना फेस रिकॉग्निशन फोटो ऐप पर अनिवार्य रूप से अपलोड करना होगा. विशेष बात यह है कि ऐप में ऐसी तकनीक जोड़ी गयी है, जिससे विद्यालय परिसर से बाहर रहने पर उपस्थिति दर्ज नहीं की जा सकेगी. इससे उपस्थिति में होने वाले फर्जीवाड़े पर भी पूरी तरह रोक लग जायेगी. यह ऐप इ-शिक्षा पोर्टल से भी टैग रहेगा, जिससे जिला स्तर के अधिकारी रियल टाइम में सभी विद्यालयों की उपस्थिति और गतिविधियों की मॉनिटरिंग कर सकेंगे.

इ-शिक्षा कोष कार्यालय का गठन करने की प्रक्रिया शुरू

इसके लिए जिले में डीइओ कार्यालय के तहत इ-शिक्षा कोष कार्यालय का गठन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. डिजिटल उपस्थिति प्रणाली लागू होने से न केवल शिक्षकों व छात्रों की उपस्थिति में बढ़ोतरी होगी, बल्कि विद्यालयों में समयबद्धता, पारदर्शिता और शैक्षणिक माहौल में भी उल्लेखनीय सुधार आने की उम्मीद जतायी जा रही है. प्रशिक्षण का संचालन चयनित एजेंसी एंट्रोलैब आइटी सॉल्यूशंस करेगी. प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक विद्यालय प्रधान और एक-एक नोडल शिक्षक ऐप के माध्यम से नियमित रूप से बच्चों की उपस्थिति दर्ज कर सकें.

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