मोहनिया सदर. प्रखंड की सभी पंचायतों में मुख्यमंत्री सोलर स्ट्रीट लाइट योजना को क्रियान्वित कराने वाली एजेंसी पर विभाग की सख्ती के बाद एक माह तक खराब पड़ी सोलर स्ट्रीट लाइटों को लेकर बीपीआरओ तृप्ति कुमारी ने संबंधित एजेंसी पर नोटिस जारी कर जब कानूनी शिकंजा कसना शुरू किया, तो एजेंसी के पैरों के नीचे से जमीन खिसकने लगी और संबंधित एजेंसी द्वारा 25000 रुपये का जुर्माना विभाग को दिया गया, जुर्माना की राशि का भुगतान करने के बाद एजेंसी की नींद उड़ गयी है. दरअसल, बीपीआरओ तृप्ति ने संबंधित एजेंसी पर खराब सोलर स्ट्रीट लाइटों को ठीक कराने के लिए 72 घंटे का समय दिया था, लेकिन एजेंसी ने नोटिस को हल्के में लेते हुए खराब लाइटों को ठीक करने में कोई खास दिलचस्पी नहीं ली, जिसका खामियाजा एजेंसी को जुर्माना के रूप में भरना पड़ गया. जबसे लाइटें खराब पड़ी है उस तिथि से प्रति लाइट, प्रतिदिन 10 रुपये की दर से फाइन लगाया गया है. पंचायतों में दो फेज में प्रति पंचायत 80 लाइटों को लगाया गया है. इस तरह प्रखंड की सभी 18 पंचायतों में कुल 1440 लाइटें लगायी गयी है. सभी पंचायतों के वार्डों में सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने का कार्य पहले ही पूर्ण किया जा चुका है. साथ ही लाइट लगाने वाली एजेंसी को इसका भुगतान भी किया जा चुका है. दरअसल, मुख्यमंत्री सोलर स्ट्रीट लाइट योजना का मुख्य उद्देश्य पंचायत के सभी वार्डों की गलियों व चौक चौराहों को बिजली रहित दूधिया रोशनी से रात में जगमग कर अंधकार मिटाते हुए गलियों को प्रकाशमान करना है. विद्युत द्वारा संचालित होने वाली लाइटों का उपयोग करने से बिजली बिल का भुगतान करना बहुत आसान नहीं है, इसलिए सरकार ने पंचायत में सौर ऊर्जा से संचालित सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने की जिम्मेदारी संबंधित एजेंसी को सौंपा थी. लेकिन, संबंधित एजेंसी के लोगों ने शायद अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में लाइटों की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया, जिसका नतीजा है कि लगने के कुछ ही दिनों बाद स्ट्रीट लाइटें खराब होने लगीं और गांव की गलियों में पूर्व की तरह ही अंधकार फैल गया, जब इन मामलों को विभाग ने गंभीरता से लिया और संबंधित एजेंसी पर जुर्माना लगाने का आदेश जारी किया और इसकी जिम्मेदारी बीपीआरओ को दी गयी, फिर क्या था प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी द्वारा नोटिस जारी कर संबंधित एजेंसी पर फाइन लगाया ग,या तो एजेंसी अपनी कुंभकर्णी नींद से जाग उठा और अब पंचायत में खराब सोलर स्ट्रीट लाइटों को ठीक कराने का कार्य युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया गया है. # मेंटेनेंस के नाम पर अवैध निकासी की कोशिश संबंधित एजेंसी के कुछ लोग इतने शातिर निकले की दूध में पानी नहीं बल्कि पानी में दूध मिलते हुए भले ही किसी पंचायत में दो ही लाइटों को ठीक किया गया, लेकिन कई लाइटों को ठीक करने के कॉलम में संबंधित पंचायत के मुखियाओं का फर्जी हस्ताक्षर कर मेंटेनेंस राशि की निकासी करने का जो कारनामा एजेंसी द्वारा किया, उसने प्रशासन की भी नींद उड़ा दी थी. इसका खुलासा तब हुआ जब विगत दिनों प्रखंड मुख्यालय स्थित बीआरजीएफ भवन में आयोजित अनुमंडल स्तरीय मुखिया व पंचायत सचिवों के साथ जिला पंचायती राज पदाधिकारी मनोज कुमार पवन ने बैठक की थी. हालांकि, विभागीय पदाधिकारी ने संबंधित एजेंसी पर कानून का ऐसा चाबुक चलाया कि इन लोगों की आंख से काजल चुराने की सारी कोशिश धराशायी हो गयी है. एजेंसी के कर्मियों ने मेंटेनेंस की राशि को गलत तरीके से हड़पने की पुरजोर कोशिश की थी, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों की सख्ती व चौकसी ने उनकी कोशिशों पर पानी फेर दिया है. # तीन पंचायतों में खराब लाइटों को कराया गया ठीक जैसे ही विभाग ने यह फरमान जारी किया कि पंचायत में सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने वाली एजेंसियों पर खराब लाइटों के एवज में जुर्माना लगाया जाये, बिना देर किये प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी तृप्ति कुमारी ने खराब लाइटों की सूची तैयार कर संबंधित एजेंसी पर लगभग 25000 रुपये का जुर्माना ठोक दिया. जुर्माना लगते ही एजेंसी की समझ में आ गया कि अब बच पाना मुश्किल है और अब प्रत्येक दिन संबंधित एजेंसी पंचायतवार खराब लाइटों की सूची प्राप्त कर युद्ध स्तर पर उसको बनाने का कार्य करने में जुट गये हैं. इसी क्रम में प्रखंड की कटराकला, मुजान व बढ़ुपर पंचायत में खराब पड़ी स्ट्रीट लाइटों को संबंधित एजेंसी द्वारा ठीक करा दिया गया है. जबकि, गुरुवार को पानापुर पंचायत के वार्ड 10 में खराब दो लाइट, वार्ड तीन में एक, वार्ड छह में दो, वार्ड चार में पांच व वार्ड एक में एक लाइट को बनाने का कार्य शुरू कर दिया गया है. वहीं, मुजान पंचायत में खराब पड़ी 11 लाइटों को भी एजेंसी द्वारा ठीक कर दिया गया है.
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