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नो इंट्री में भी भारी वाहनों का दबाव

अनदेखी. प्रतिबंध के बावजूद सब्जी मंडी में दिन भर खड़े रहते हैं ट्रक राहगीरों, स्कूली छात्र छात्राओं को आने-जाने में छूटते हैं पसीने भभुआ सदर : भभुआ शहर में यातायात व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गयी है. शहर में पहले से ही चार पहिया वाहनों का स्टैंड नहीं होना समस्या बनी हुई है. ऊपर […]

अनदेखी. प्रतिबंध के बावजूद सब्जी मंडी में दिन भर खड़े रहते हैं ट्रक

राहगीरों, स्कूली छात्र छात्राओं को आने-जाने में छूटते हैं पसीने
भभुआ सदर : भभुआ शहर में यातायात व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गयी है. शहर में पहले से ही चार पहिया वाहनों का स्टैंड नहीं होना समस्या बनी हुई है. ऊपर से प्रतिदिन नियमों को ताक पर रख कर भारी वाहन भी शहर में प्रवेश कर रहे हैं. बदहाल ट्रैफिक व्यवस्था के चलते शहरवासियों के समक्ष प्रतिदिन शहर में आने-जाने में समस्या खड़ी हो रही है.
खासकर सब्जी मंडी रोड व एकता चौक की स्थिति तो और बदतर है. सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक शहर में नो इंट्री रहने के बावजूद सब्जी मंडी रोड में दिनभर ट्रक खड़े रहते हैं. अब आधी सड़क पर ट्रक के खड़े रहने से आधी सड़क पर दिन भर जाम लगा रहता है. इसी सड़क से राज्य संपोषित बालिका विद्यालय की सैकड़ों छात्राएं, शहरी की आधी आबादी व निजी स्कूलों के विद्यार्थी आते-जाते हैं. इस समस्या का अब तक समाधान न नगर और न ही जिला प्रशासन ढूंढ पाया है.
चार दिन की चांदनी साबित होता है अभियान
वैसे तो शहर में यातायात की समस्या वर्षों से लुंज-पुंज बनी हुई है. गाहे-बगाहे मात्र एसपी हरप्रीत कौर द्वारा ही इस पर संज्ञान लेते हुए कार्रवाई किये जाने से कुछ दिन स्थिति बदल तो जाती है लेकिन, पुन: यह समस्या मुंह बाये खड़ी हो जाती है. जबकि, यह काम नप का है. लेकिन, शायद ही नप अधिकारी इस समस्या पर ध्यान देते हैं. इसका खामियाजा शहरवासियों को भुगतना पड़ता है. खासकर सब्जी मंडी रोड, एकता चौक, पटेल चौक, जयप्रकाश चौक की स्थिति दिन भर काफी भयावह रहती है. क्योंकि, बदहाल व्यवस्था के बीच नो इंट्री में ट्रक व ट्रैक्टर धड़ल्ले से चलते हैं.
ट्रैफिक व्यवस्था पर उठ रहे सवाल
शहर में कहीं नहीं है पार्किंग की व्यवस्था
शहर में लंबे समय से वाहन पार्किंग की समस्या बनी हुई है. निजी वाहन तो दूर सवारी वाहनों, ऑटो इ रिक्शा भी खड़ी करने के लिए शहर में कहीं भी जगह नहीं है. ऐसे में पूरे शहर में वाहन को रोकने के लिए जगह नहीं होने से वाहनों को सड़कों पर खड़ा करने के अलावा कोई चारा नहीं होता. दिनों दिन शहर में बढ़ रहे यातायात दबाव से भी परेशानी बढ़ती जा रही है. कुछ दिन पूर्व शहर में यातायात व्यवस्था और वाहन स्टैंड के लिए एसडीओ, एएसपी, नगर थानाध्यक्ष और नप कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा माथापच्ची करते हुए स्टैंड के लिए स्थान खोजने की जिम्मेवारी नप पदाधिकारी को सौंपी गयी थी लेकिन, एक माह से अधिक दिन गुजर जाने के बावजूद अब तक खाली स्थान नप अधिकारी द्वारा नहीं तलाशी जा सकी.
स्थिति को गंभीर बना रही बाइपास सड़क
शहर की दिनों दिन आबादी बढ़ती जा रही है लेकिन, आबादी के हिसाब से शहरी व्यवस्था को उतनी तत्परता से नहीं बढ़ाया जा सका. अब शहर के अखलासपुर बस स्टैंड के जयप्रकाश चौक तब जब बाइपास सड़क का निर्माण कराया गया था तो उस वक्त उतनी घनी आबादी बाइपास में देवी जी रोड, शिवाजी चौक, हवाई अड‍्डा रोड और जयप्रकाश चौक के आसपास नहीं थी. अब इन स्थानों पर घनी आबादी हो जाने और दर्जनों स्कूल कॉलेज खुल जाने के चलते स्थिति काफी भयावह हो चुकी है. इसी बाइपास सड़क से होकर भारी ट्रक, बस सहित ट्रैक्टर व सवारी वाहन 24 घंटे दौड़ते रहते हैं. इससे इस ओर आनेवाले स्कूली बच्चों और शहरवासियों को जान हथेली पर लेकर आना जाना पड़ता है.

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