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ट्राइ साइकिल व नौकरी दिलाने के नाम पर दो दिव्यांग महिलाओं को बनाया ठगी का शिकार

ठग ने जिले के गिद्धौर थाना क्षेत्र के सोहजना व मलयपुर थाना क्षेत्र के पतौना की रहने वाली दो दिव्यांग महिलाओं को ठगी का शिकार बना लिया.

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जमुई. ठग ने जिले के गिद्धौर थाना क्षेत्र के सोहजना व मलयपुर थाना क्षेत्र के पतौना की रहने वाली दो दिव्यांग महिलाओं को ठगी का शिकार बना लिया. इन दिव्यांग महिलाओं को ट्राई साइकिल दिलवाने व नौकरी लगवाने के नाम पर ठग ने करीब तीन लाख रुपये से अधिक की ठगी कर ली. एक ही व्यक्ति ने अलग-अलग अधिकारी बनकर दोनाें को ठगा है. इसके बाद दोनों पीड़िताओं ने गुरुवार को साइबर थाना पहुंचकर इसकी शिकायत दर्ज करायी है. मामले को लेकर गिद्धौर थाना क्षेत्र के सोहजना निवासी कुमारी दीपा ने बताया कि 20 नवंबर 2024 को मेरे मोबाइल पर एक अज्ञात नंबर से फोन आया था. उसने बताया कि मैं समाज कल्याण विभाग पटना से बात कर रहा हूं और मोटराइज्ड ट्राई साइकिल को बदलकर इलेक्ट्रिक स्कूटी प्रदान करने की सरकार की योजना है. आपको इलेक्ट्रिक स्कूटी दी जायेगी. इसके लिए मुझे अपना फोटो, आधार कार्ड, दिव्यागता प्रमाण पत्र तथा यूडीआइडी कार्ड भेजने को कहा. इसके बाद वह मुझे एक शोरूम में भी ले गया और वहां मुझे एक इलेक्ट्रिक स्कूटी भी दिखलायी. बाद में सिक्योरिटी मनी जमा करने के नाम पर उसने मुझे मुझे पहले 40 हजार रुपये की मांग की. उसके बाद तीन अलग-अलग फोन पर नंबर पर मैंने उसे पैसे भेज दिए. शुरुआत के कुछ दिनों में वह स्कूटी डिलीवर करने की बात करता रहा, लेकिन फिर उसने मेरा फोन उठाना बंद कर दिया और मैसेज का जवाब भी नहीं देने लगा. महिला ने बताया कि उस युवक ने अपना नाम विपुल यादव बताया था. साथ ही यह कहा था कि वह समाज कल्याण विभाग का कर्मचारी है और वर्तमान में जमुई जिले में पदस्थापित है.

शांति कुमारी को आंगनबाड़ी सेविका बनाने के नाम पर लिये ढाई लाख रुपये

कुमारी दीपा को ठगने के बाद विपुल कुमार यादव ने जमुई जिले के मलयपुर थाना क्षेत्र के पतौना निवासी शंकर रजक की पत्नी शांति कुमारी को भी ठगी का शिकार बना लिया. शांति कुमारी ने भी इसे लेकर साइबर थाना में आवेदन दिया है. महिला ने बताया कि 19 जनवरी 2025 को मुझे भी विपुल कुमार ने फोन किया था और कहा था कि मैं समाज कल्याण विभाग के ऑफिस से बोल रहा हूं. उसने कहा कि आपके दिव्यांगता प्रमाण पत्र के जांच के बाद आपको बिहार सरकार की ओर से आंगनबाड़ी सेविका के तौर पर बहाल किया जा रहा है. इसके बाद वह मुझसे मिलने पहुंचा और मुझे नौकरी दिलाने के नाम पर पैसे मांगे. पहले उसने मेरा दिव्यांगता प्रमाण पत्र, शैक्षणिक प्रमाण पत्र इत्यादि मांग लिया और मुझे किसी काजल कुमारी नाम की महिला का फोन नंबर दिया और कहा कि इस नंबर पर पैसा भेजने से यह पैसा सरकारी ट्रेजरी में जमा हो जायेगा तभी आपको नियुक्ति पत्र दिया जायेगा. इसके बाद मैंने अलग-अलग तारीखों को उसे ढाई लाख रुपये उसे भेज दिए. इस बीच वह मुझे 21 जनवरी को मिलने आया और जमुई में जाकर एसबीआइ की शाखा से मैंने 49 हजार रुपये निकाल कर उसे दिये. महिला ने कहा कि अब वह मेरा फोन भी नहीं उठा रहा है. दोनों महिलाओं ने ठगी के मामले की शिकायत साइबर थाने में की है. इस पूरे मामले पर साइबर डीएसपी राजन कुमार ने कहा है कि उन्हें आवेदन मिला है. उन्होंने कहा कि मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है तथा इसकी छानबीन की जा रही है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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