झाझा . सिग्नल पासिंग एट डेंजर यानी स्पेड की रोकथाम को लेकर रविवार को क्रू कार्यालय में पायलट, सहायक पायलट के अलावा अन्य क्रू कर्मियों के बीच एक दिवसीय संरक्षा संगोष्ठी आयोजित की गयी. इस दौरान उपस्थित सदस्यों को समुचित जानकारी देते हुए दानापुर मंडल एडीआरएम राजीव कुमार ने कहा कि चालक, सहचालक पर पूरे रेलवे परिचालन का दायित्व होता है. जिसमें स्पेड यानी सिग्नल पासिंग एट डेंजर पर विशेष महत्व देने की आवश्यकता होती है. उन्होंने कहा कि क्रू की ड्राइविंग प्रैक्टिस की जांच महत्वपूर्ण है. उसमें एक पीला संकेत पर ट्रेन का नियंत्रण इस प्रकार रखें कि उसे रेड सिग्नल के पहले उचित रूप से रोका जा सके. किसी भी परिस्थिति में यात्री ट्रेन की गति 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तथा गुड्स ट्रेन की गति 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से अधिक नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि ढाल वाले क्षेत्र पर ट्रेन को इस प्रकार नियंत्रित करें कि आवश्यकता पड़ने पर उसे निर्धारित स्थान से पहले रोका जा सके. ऑटोमेटिक ब्लॉक सिस्टम में रिस्ट्रिक्टेड एस्पेक्ट पर ट्रेन की गति ऐसी हो कि उसे अगली स्टॉप सिग्नल से पहले उचित रूप से रोका जा सके. उन्होंने कहा कि किसी भी हाल में कौशन आर्डर का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें. क्रू का विभिन्न लोड के अनुसार ब्रेकिंग तकनीक हो. साथ ही ट्रैक मशीन एवं टावर बेगन ऑपरेटर की लोड लर्निंग एवं कंपीटेंसी सर्टिफिकेट की जांच निश्चित तौर पर हो. इससे न सिर्फ हमारा रेलवे परिचालन संरक्षित होकर चलेगी. बल्कि हर दृष्टि से सुरक्षित भी रहेगी. उन्होंने सभी लोगों को परिचालन के समय मोबाइल फोन स्विच ऑफ रखने का दिशा निर्देश देते हुए कहा कि भरपूर नींद लें. घर से ड्यूटी के समय निकलने के समय खुशहाल रहें. मौके पर कई पायलट,सह पायलट के अलावा अन्य क्रू कर्मी मौजूद थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

