झाझा. बेलहर थानाक्षेत्र के बघोनिया गांव निवासी संतोष कुमार सिंह को अपहरणकर्ताओं ने पुलिस दबिश के कारण रविवार अहले सुबह सुइया जंगल के समीप छोड़ दिया. छूटने के बाद पैदल सड़क किनारे पहुंचकर अंजान राहगीर के मोबाइल से अपनी पत्नी सुनीता देवी को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से मुक्त होने की सूचना दी. सुनीता ने अविलंब पति के मुक्त होने की सूचना झाझा थानाध्यक्ष संजय कुमार सिंह को दी. अपहरण कांड को अंजाम देने वाले दो बदमाशों की गिरफ्तारी की पुष्टि हो जाने के बाद एसडीपीओ राजेश कुमार ने मामले का खुलासा करते हुए प्रेसवार्ता कर पूरी जानकारी दी. एसडीपीओ श्री कुमार ने बताया कि आनंदपुर थानाक्षेत्र के दहीवाड़ा गांव के मीतू यादव और दिग्घी बाड़ी के विजय कुमार को गिरफ्तार किया गया है. इस घटना को 5-6 लोगों ने अंजाम दिया है. सभी पूर्व नक्सली है. सभी पर जमुई, बांका जिले के कई थानों में नक्सल गतिविधियों में शामिल रहने को ले प्राथमिकी दर्ज है. उन्होंने बताया कि संतोष का अपहरण मनियारा जंगल से हुआ था. जंगल के रास्ते दो दिनों के बाद सुइया के जंगल में रखा. अपहरण का मुख्य उद्देश्य फिरौती लेना था. एसडीपीओ ने बताया कि अन्य जो इस घटना में संलिप्त है, उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है. मनियारा जंगल में संतोष की बाइक मिलने के बाद उसकी पत्नी ने झाझा थाना में दो लाख रुपये फिरौती की बात बताते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी थी. एसडीपीओ के नेतृत्व में एसएचओ संजय कुमार, पुअनि क्षेबर राम, दीपक कुमार, पुनि विकास सिंह, आलोक कुमार एवं अन्य पुलिस कर्मी थे.
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