चकाई . राजस्व महा अभियान में आदिवासियों को भूमिहीन बनाने का आरोप लगाते हुए 12 सूत्री मांगों को लेकर आदिवासी जन जागृति मोर्चा के बैनर तले बड़ी संख्या में आदिवासियों ने मंगलवार को अंचल कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया. प्रदर्शन का नेतृत्व झामुमो नेता पृथ्वीराज हैंब्रम कर रहे थे. मंगलवार को ढोल, नगाड़ा, तीर, धनुष एवं अन्य पारंपरिक हथियारों से लैस सैकड़ो की संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग डुगडुगी बजाते हुए अंचल कार्यालय के समीप पहुंचे और प्रदर्शन करते हुए धरने पर बैठ गये. इस दौरान पृथ्वीराज हैंब्रम ने कहा कि राजस्व भूमि सुधार महाअभियान के तहत आदिवासियों को भूमिहीन बनाने की साजिश रची जा रही है, ताकि आदिवासी समाज सामाजिक अधिकार से वंचित हो जाये. उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने हम लोगों की मांगे नहीं मानी तो हम लोग सड़क पर उतरकर आंदोलन करने को मजबूर होंगे. दोपहर 3 बजे के करीब 12 सूत्री मांग पत्र अंचल अधिकारी को सोपा गया. इसमें राजस्व महाअभियान में राजा, महाराजा,प्रधान के द्वारा जारी हुकुमनामा व सरकार द्वारा जारी पट्टा, परवाना, भूदान, बंदोबस्ती जमीन की कागजात को ऑनलाइन स्वीकार करने, सरकार द्वारा जिस प्रकार रजिस्टर टू की कॉपी रैयतों को मुहैया की जा रही है. जनजाति और वन विभाग क्षेत्र के निवासियों को वन अधिकार अधिनियम के तहत खंडित जमीनों पर बरकरार रखते हुए पट्टा देने, रैयतों को खातियानि जमीन में जमाबंदी दर्ज नहीं हुई है. उन सभी रैयतो की जमाबंदी लगान लगाकर रशीद निर्गत करने, भूमिहीन किसान आदिवासी दलित वंचित वर्गों को सर्वे कर जमीन उपलब्ध कराने, जल जंगल जमीन पर आदिवासियों का पूर्ण अधिकार देने, माडा योजना लागू करने, अनुसूचित जनजातियों को सात प्रतिशत आरक्षण देने, आदिवासियों का जमीन बिना अनुमति के रजिस्ट्री में रोक लगाने, आदिवासियों का आदिवासी धर्म कोड लागू करने, आदिवासी बहुल क्षेत्र को चिन्हित कर पेसा एक्ट कानून लागू करने की मांग मुख्य रूप से शामिल है. धरना प्रदर्शन में सुशील हांसदा, छोटेलाल हैंब्रम, नरेश मुर्मू, मनोज मुर्मू, सोहन मुर्मू, जॉस मरांडी, राजेंद्र सोरेन, मनोज सोरेन, मेनल हसदा, शामिल हसदा, जूलियसहैंब्रम, श्रीकांत हैंब्रम,शिवलाल सोरेन सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे.
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