जमुई. बिहार अनुसचिवीय कर्मचारी महासंघ (गोप गुट) के आह्वान पर समाहरणालय, अनुमंडल, प्रखंड और अंचल कार्यालयों की लिपिकों की अनिश्चितकालीन हड़ताल बुधवार को 19वें दिन भी जारी रही. लिपिकों की 10 सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन लगातार तेज होता जा रहा है. इस दौरान सरकारी कामकाज पूरी तरह प्रभावित है. इससे आमलोग परेशानी है. हड़ताल स्थल पर पहुंचे गोप गुट के जिलाध्यक्ष डीसी रजक ने आंदोलन को समर्थन देते हुए कहा कि लिपिकों की मांगें पूरी तरह से वाजिब हैं. सरकार को अड़ियल रुख छोड़कर सकारात्मक पहल करनी चाहिए. हड़ताल के चलते राजस्व, जाति, आवासीय, आय प्रमाण-पत्र सहित अन्य जरूरी कार्यों के लिए आने वाले लोगों को निराश होकर लौटना पड़ रहा है. जनता लगातार कार्यालयों के चक्कर काट रही है, पर समाधान कहीं नहीं दिख रहा. यदि जल्द सरकार वार्ता की पहल नहीं करती है, तो आंदोलन को और भी उग्र रूप दिया जायेगा, जिसकी जिम्मेदारी पूरी तरह सरकार की होगी. समाहरणालय संवर्ग के जिलाध्यक्ष कमल किशोर ने कहा कि जब तक सरकार हमारी सभी 10 सूत्री मांगों को मान नहीं लेती, तब तक हड़ताल वापस नहीं होगी. हमारी मांगों में पदनाम परिवर्तन, वेतन वृद्धि, प्रमोशन, आवास, कैशलेस मेडिकल सुविधा और समयानुसार वित्तीय उन्नयन शामिल हैं. जिला सचिव प्रिय रंजन ने कहा कि सरकार सिर्फ विधायकों और मंत्रियों के वेतन और सुविधा में वृद्धि कर रही है. लेकिन जो कर्मचारी दिन-रात मेहनत करते हैं, उनकी सुध नहीं ली जा रही है. मौके पर राजीव रंजन, उदित दास, अजय पासवान, महेश दास, संजीव सिंह, सतीश सिंह, मनीष कुमार, कंचन, नसरीन, पूजा, अभय, मृत्युंजय, टुनटुन, विनोद समेत बड़ी संख्या में कर्मचारी शामिल रहे. आंदोलन स्थल पर एकजुटता और संघर्ष की भावना साफ झलक रही है.
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