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परिवार, समाज व राष्ट्र की उन्नति का मजबूत आधार है पिता : प्रो गौरी शंकर

फादर्स डे के अवसर पर बच्चों के जीवन में पिता की भूमिका विषय पर परिचर्चा नगर परिषद स्थित आनंद विहार कॉलोनी में हुई.

जमुई. फादर्स डे के अवसर पर बच्चों के जीवन में पिता की भूमिका विषय पर परिचर्चा नगर परिषद स्थित आनंद विहार कॉलोनी में हुई. इसकी अध्यक्षता डॉ गौरी शंकर पासवान ने की. मौके पर प्रो पासवान ने कहा कि संसार में सबसे पहले फादर्स डे सन 1910 में अमेरिका में मनाया गया था. तब से लेकर आज तक फादर्स डे मनाते हुए 115 वर्ष हो गये. फादर्स डे हर साल जून माह के तीसरे रविवार को मनाया जाता है. इसका उद्देश्य पिता के प्रति कृतज्ञता, उनकी भूमिका को सम्मान देना और प्रेम प्रकट करना है. उन्होंने कहा कि पिता परिवार, समाज और राष्ट्र की उन्नति का मजबूत आधार होते हैं. वे केवल जन्मदाता ही नहीं, बल्कि प्रेरणा, अनुशासन और संरक्षण के प्रतीक होते हैं. पिता बच्चों के लिए वह कवच होते हैं, जो उन्हें दुनिया के हर डर और भय से बचाते हैं. वे बच्चों के मार्गदर्शक होते हैं ,जो बच्चों की शिक्षा और करियर की दिशा तय करते हैं. पिता वह नींव होता है, जिस पर बेटा ऊंचाइयों की इमारत खड़ी करता है. प्रो पासवान ने कहा कि पिता के बिना परिवार अधूरा है, तो समाज दिशाविहीन और राष्ट्र कमजोर. पिता कोई पद नहीं, बल्कि कर्तव्य का जीवंत उदाहरण है. वे परिवार की मजबूत रीढ़, संस्कारों का मूल स्रोत, बच्चों की उम्मीद, व्यक्तित्व निर्माता और भाग्य विधाता होते हैं. कहते हैं कि एक पिता सौ गुरुओं के बराबर होते हैं. पिता का छांव और छत्रछाया नहीं हो, तो बच्चों का जीवन रेगिस्तान बन जाता है. यदि बच्चों के जीवन में माता-पिता दोनों का आशीर्वाद नहीं मिला व उनके सर से साया उठ गया तो बच्चों का जीवन जीते जी नरक बन जाता है. सरस्वती अर्जुन एकलव्य महाविद्यालय के इतिहास के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. निरंजन कुमार दुबे ने कहा कि पिता बच्चों का सुरक्षा स्तंभ होता है. वे बच्चों के नेतृत्व, सेवा और दायित्व बोध का बीजारोपण करते हैं. वे नैतिक और अनुशासन के संवाहक होते हैं. एक जिम्मेदार पिता समाज के साथ प्रति अपने उत्तरदायित्वों को निभाते हैं. एक सजग पिता अपने बच्चों को अच्छे नागरिक बनने की शिक्षा देता है. कहते हैं कि माता पृथ्वी है, तो पिता आकाश है. माता-पिता के ऋण को कोई नहीं चुका सकता है. आज के दिन संतान को अपने पिता को सम्मान करना चाहिए और उनके प्रति जब तक कृतज्ञता प्रकट करनी चाहिए. मौके पर प्रो डॉ देवेंद्र कुमार गोयल, प्रो सरदार राय, प्रो आनंद कुमार सिंह, प्रो कैलाश पंडित, वरिष्ठ वक्त प्रभात कुमार भगत,अधिवक्ता रामचंद्र रवि आदि ने फादर्स डे पर एक फादर की महत्वपूर्ण भूमिका की वकालत की. उन्होंने कहा कि एक पिता का जो योगदान बच्चों के जीवन, समाज और लोकतंत्र में है उसे नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है.

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