बरहट . कार्तिक मास के पवित्र अवसर पर गुरुवार को प्रखंड के पतनेश्वर धाम स्थित किऊल नदी तट पर छठ व्रतियों की अपार भीड़ उमड़ पड़ी. अहले सुबह से ही महिलाएं और पुरुष श्रद्धालु नदी तट पर पहुंचकर स्नान एवं पूजा-अर्चना में लीन नजर आये. श्रद्धा और आस्था का ऐसा नज़ारा था कि पूरा घाट छठ मइया के गीतों से गूंज उठा. स्नान के बाद व्रतियों ने बाबा पतनेश्वर नाथ भोलेनाथ और माता पार्वती की आराधना कर महापर्व छठ की तैयारी आरंभ की. कई व्रती महिलाएं पारंपरिक गीत गाती हुई घाट किनारे प्रसाद की तैयारी में जुटी दिखीं. छठव्रती संजू देवी, जामुनिया देवी और निधि सिंह ने बताया कि इस महापर्व की शुरुआत गंगा स्नान से होती है. जो महिलाएं गंगा स्नान नहीं कर पातीं, वे किऊल नदी में डुबकी लगाकर वहीं की मिट्टी से चूल्हा बनाकर प्रसाद पकाती हैं. स्थानीय लोग किऊल नदी को ‘छोटी गंगा’ भी कहते हैं. यही कारण है कि प्रतिदिन सैकड़ों महिलाएं यहां स्नान कर भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करती हैं. परंपरा के अनुसार कई महिलाएं पूरे कार्तिक माह सूर्योदय से पहले नदी में स्नान कर धार्मिक अनुष्ठान करती हैं. पर्व को लेकर घाट पर फूल, बेलपत्र, प्रसाद और पूजा सामग्री की अस्थायी दुकानें सज गयीं. श्रद्धालु उत्साहपूर्वक खरीदारी करते नजर आए. मंदिर के पुजारी राजीव पांडेय ने बताया कि पवित्रीकरण के लिए गंगा स्नान की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है. उन्होंने कहा कि घर में रखे गंगाजल के छिड़काव से भी शुद्धता प्राप्त की जा सकती है. छठ पर्व को लेकर प्रशासन भी पूरी तरह चौकस दिखा. सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर मलयपुर थाना पुलिस की टीम नदी तट और आसपास के क्षेत्रों में मुस्तैद रही ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

