अवहेलना . जिले में यातायात के नियमों की उड़ रही धज्जियां
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करना है सुहाना सफर तो करें नियम पालन
अवहेलना . जिले में यातायात के नियमों की उड़ रही धज्जियां जिले में ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं हो रहा है. यहां तक कि स्कूली वाहन में मानक की अनदेखी हो रही है. वाहनों की छत पर यात्री ढोये जा रहे हैं. ऐसे में हम सारा दोष प्रशासन पर मढ़ देते हैं. लेकिन, हमें भी […]
जिले में ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं हो रहा है. यहां तक कि स्कूली वाहन में मानक की अनदेखी हो रही है. वाहनों की छत पर यात्री ढोये जा रहे हैं. ऐसे में हम सारा दोष प्रशासन पर मढ़ देते हैं. लेकिन, हमें भी अगर सुहाना सफर का आनंद उठाना है, तो नियमों का पालन करना पड़ेगा.
जमुई : जिले में हो रहे लगातार बाइक चेकिंग अभियान ने दो पहिया वाहन चालकों को यातायात के नियमों का पाठ तो पढ़ाया है, लेकिन, ओवर लोडिंग के मामले में जिला प्रशासन तमाशबीन बना हुआ है.
वाहनों की छत पर बिठा कर यात्रियों को बेरोक- टोक ढ़ोया जा रहा है, जो बड़ी दुर्घटना को दावत दे रहे हैं. स्थिति यह हो चली है कि वाहन चालक मनमाने तरीके से यात्रियों को वाहनों के ऊपर बैठाते हैं. और यात्री जान जोखिम में डाल कर यात्रा करने को मजबूर हैं. जमुई-गरही मार्ग, जमुई-सिकंदरा मार्ग, जमुई-झाझा मार्ग, खैरा-सोनो मार्ग, झाझा-चकाई मार्ग, सिकंदरा-नवादा मार्ग आदि मार्गों में चलने वाले वाहनों में अमूमन यह स्थिति देखी जा सकती है.
क्षमता से अधिक ढोये जा रहे यात्री
मालूम हो कि परिवहन नियमों के मुताबिक मैजिक वाहनों में नियमत: 7 यात्रियों को ही बैठाये जाने का प्रावधान है. किंतु जिला प्रशासन की उदासीनता के कारण वर्तमान समय में क्षमता से पांच गुणा अधिक यात्रियों को वाहन पर बिठाया जा रहा है. मैजिक वाहन के भीतर 15 तथा छत पर उतने ही यात्री बैठ कर यात्रा कर रहे. वहीं ऑटो में तीन यात्रियों को बैठाए जाने का प्रावधान है परंतु छोटे ऑटो में 7 से 8 तथा बड़े ऑटो में 12 तक यात्री बैठाए जाते हैं. वहीं उसके बाद कई यात्री झूलकर यात्रा करते भी देखे जा सकते हैं. जिसके कारण स्थिति दिन प्रतिदिन विकराल होती जा रही है. जबकि बाइक पर यदि धोखे से भी दो के बजाय तीन लोग बैठ जाये तो वह पुलिस के नजरों से बच निकलना मुश्किल हो रहा. किंतु उसी पुलिस के सामने से गुजर रहे मैजिक, ट्रेकर व ऑटो पर जिस प्रकार ओवर लोडिंग किया जा रहा और वाहनों के छत पर यात्री ढोये जा रहे वह अपने आप में बड़ा सवाल पैदा कर रहा है.
स्कूली वाहनों में मानक की हो रही अनदेखी. केंद्रीय परिवहन मंत्रालय व परिवहन विभाग के दिशा निर्देशों का उल्लंघन कर जिले में स्कूली वाहनों का धड़ल्ले से संचालन किया जा रहा है. मानकों की अनदेखी से दुर्घटना की आशंका को देखते हुए अभिभावकों ने सख्त नाराजगी जतायी है. अभिभावकों का कहना है कि विद्यालयी बच्चों को ढोने वाले वाहन उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित किये गये मापदंडों को पूरा नहीं कर रहे हैं. इसके बावजूद शासन अथवा परिवहन विभाग द्वारा कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है. उच्चतम न्यायालय का सख्त निर्देश है कि स्कूल कार्य में लगे वाहन हर हाल में निर्धारित मापदंडों को पूरा करें. उच्चतम न्यायालय द्वारा स्पष्ट किया गया है कि स्कूल बसें, टैंपो, मैजिक बच्चों को तभी ले जा सकती हैं जब ये निर्धारित 18 मापदंडों को पूर्ण करें, अन्यथा उन्हें स्कूल बस चलाने का अधिकार नहीं है. आदेश के अनुसार वाहन का रंग पीला, एक काली पट्टी, अनुभवी चालक जिसके खिलाफ कोई चालान या जुर्माना न हुआ हो तथा शीशे के स्थान पर लोहे की जाली होनी चाहिए. वहीं बस के अंदर अग्निशमन फर्स्ट एड बाक्स, दवा किट निश्चित रूप से होनी चाहिए. बस में चालक के साथ-साथ एक अनुभवी प्रशिक्षित शिक्षक की भी उपस्थिति अनिवार्य है.
शहर में नहीं है ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्था
यातायात की लुंजपुंज व्यवस्था से सड़क हादसों में इजाफा हो रहा है. बावजूद जिन कंधों पर यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने की जिम्मेदारी होनी चाहिए वह कंधा कहीं नजर नहीं आता. ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्था नहीं होने शहर के कई स्थानों पर वाहन चालकों की मनमानी के कारण जाम की स्थिति बन जाती है.परंतु लोगों को इस कोढ़ से निजात दिलाने हेतु किसी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं किया गया है.
बने हैं नियम, पर नहीं होता अनुपालन
वाहन ओवरलोडिंग के लिए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत अलग अलग कानून बना हुआ है. जिसमें सजा या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है. अतिरिक्त भार ले जाने के लिए एक वाहन ड्राइव करने अनुमति देने के लिए एमवी एक्ट की धारा 113(3),114,115 आर/डब्लू एस194(1) के तहत जुर्माना का प्रावधान है. वहीं सवारी गाड़ी में बैठने की क्षमता से अधिक व्यक्तियों को ले जाने के लिए सीएमवी एक्ट की धारा आर 21(10) तथा एमवी एक्ट आर/डब्लू एस 177 के तहत जुर्माना और सजा का प्रावधान है. इसके अलावे यदि कोई व्यक्ति चल रहे वाहन के छत पर या बोनट पर जा के सफ़र करता है तो उसे भी एमवी एक्ट की धारा 123(2) व 177 के तहत जुर्माना या सजा या दोनों का प्रावधान है. लेकिन, जिले में इन नियमो को ताक पर रखकर इनदिनों वाहनों का परिचालन किया जा रहा है.
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