पटेढी बेलसर. प्रखंड क्षेत्र में गुरुवार की शाम से लगातार हो रही तेज बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है. खेतों में तैयार धान की फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है. खेतों में ही किसानों द्वारा काटकर रखे गए धान के पौधे बारिश के पानी में डूब गए है, वहीं तेज हवाओं से खेतों में खड़ी फसलें भी धराशायी हो गई है. खेतों में अब सिर्फ पानी और गिरे हुए पौधे नजर आ रहे है. किसान सुगंध राज ने बताया कि कटाई के कगार पर खड़ी धान की फसल पूरी तरह खेतों में गिर चुके है. बारिश ने न केवल धान की फसल बर्बाद की, बल्कि अगली फसलों की तैयारी पर भी असर डाला है. खेतों में जलजमाव के कारण अब आलू और सरसों की बुआई भी मुश्किल हो गयी है. खेतों में पहले से रोपे गए आलू के बीज सड़ने की आशंका है.वहीं,बुआई हो चुकी सरसों में अनुकरण नहीं हो सकेगी. तंबाकू की आगत रोपनी करने वाले किसानों को अब दोबारा बिचड़ा लगाना पड़ेगा, जिससे उनकी लागत बढ़ जाएगी. सब्जी उत्पादक किसान भी इस मौसम की मार से अछूते नहीं है. बारिश और जलजमाव से फूलगोभी, टमाटर और बैंगन जैसी सब्जियों की फसलें बुरी तरह प्रभावित हुई है. कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले 12 घंटों में क्षेत्र में 32.08 मिलीमीटर वर्षा हुई है. कृषि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, इस वर्ष पटेढी बेलसर प्रखंड में 2750 हेक्टेयर भूमि पर धान की रोपनी की गई थी, धान की फसल को भारी क्षति पहुंची है. किसान रजनीश कुमार जंग,राजकिशोर सिंह,मिथिलेश राय,चंद्रशेखर सिंह,आनंद पांडेय ने कहा कि प्रखंड के किसानों के लिए यह प्राकृतिक आपदा है. कृषि विभाग से किसानों ने क्षतिपूर्ति का आकलन कर मुआवजे की मांग की है.
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