सहदेई बुजुर्ग. पीएचइडी सभी वंचित टोलों में नलजल योजना से जलापूर्ति का दावा भले ही करती है, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और कहानी बयां करती है. कई पंचायतों में ऐसे वार्ड हैं, जहां हर घर नल का जल एक सपना ही है. कुछ यही स्थिति सहदेई बुजुर्ग पंचायत के वार्ड चार सराय धनेश गांव की है, जहां आज तक नल का जल हर घर तक नहीं पहुंचा है. इस वार्ड में महादलित टोला ( मुसहर जाति) की करीब डेढ़ सौ आबादी रहती है. यह आबादी एक सरकारी चापाकल के भरोसे है. लोग इसी चापाकल से पानी पीने को विवश हैं.
चापाकल खराब होने पर पड़ता है भटकना
अगर कभी चापाकल खराब हो जाय तो फिर पानी के लिए लोगों को दर-दर भटकना पड़ता है. इसी वार्ड में सहदेई बुजुर्ग काली मंदिर से मध्य विद्यालय तक करीब 50 घर हैं, जहां आज तक नलजल का पानी नहीं पहुंचा है. बताया गया कि इस वार्ड में लगभग दो वर्ष पूर्व पीएचईडी के द्वारा बोरिंग कराया गया था. हर घर नल का जल योजना के तहत पाईप लाइन बिछाकर सभी घरों में कनेक्शन कर दिया गया, लेकिन आज तक इस नल से नियमित पानी लोगों को नसीब नही हो पा रहा है. बोरिंग के स्थान पर जलापूर्ति के लिए जल मीनार का निर्माण ही नही हो सका है. पंचायत के वार्ड चार की वार्ड सदस्य मंजू देवी ने 10 अगस्त 2024 को बीडीओ को पत्र लिखकर स्थिति से अवगत कराया था, लेकिन नौ माह बाद भी स्थिति जस की तस है. इस संबंध में स्थानीय ग्रामीण जगरनाथ महतो, भरत दास आदि ने बताया कि महादलित टोला में नल का जल योजना का लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है. कई बार अधिकारियों से गुहार भी लगाया लेकिन कुछ नहीं हुआ. जब गर्मी ज्यादा होगी तो चापाकल से भी पानी निकालने के लिए मशक्कत करनी होगी.
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