हाजीपुर. विश्व स्वास्थ्य दिवस पर जिलेवासियों को स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक बड़ी सौगात मिली है. सदर अस्पताल की विशेष नवजात देखभाल इकाई (एसएनसीयू) को मातृ-शिशु देखभाल इकाई (एमएनसीयू) में परिवर्तित किया गया है. डीएम यशपाल मीणा की अनुशंसा पर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक सुहर्ष भगत ने इसकी पहल की है. वहीं, सोमवार को डीएम यशपाल मीणा, राज्य स्वास्थ्य समिति के इडी सुहर्ष भगत और सीएस डॉ श्यामनंदन प्रसाद ने एमएनसीयू के चिकित्सकों और नर्सों के 25 दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारंभ किया. मौके पर सुहर्ष भगत ने बताया कि इस प्रशिक्षण का उद्देश्य मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य की सेवाओं को और बेहतर बनाना है. सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में जो भी उपकरण या दवाओं की आवश्यकता हो, उसकी सूची बनाकर राज्य स्वास्थ्य समिति को उपलब्ध कराया जाए, ताकि उसकी पूर्ति की जा सके. वहीं, मौके पर जिलाधिकारी ने बताया कि जिला स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई उपलब्धियां हासिल कर रहा है. स्वास्थ्य योजनाओं के बेहतर संचालन के लिए जिस भी संसाधन और सहयोग की जरूरत हो, जिला प्रशासन को वह सूचना उपलब्ध कराये. वहीं, सिविल सर्जन ने कहा कि बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए स्वास्थ्यकर्मियों को समर्पण की भावना रखनी होगी.
ड्यूटी के साथ मिलेगा प्रशिक्षण
पीरामल स्वास्थ्य के सलाहकार केसी साहा ने बताया कि 25 दिवसीय यह प्रशिक्षण चिकित्सकों एवं कर्मियों की ड्यूटी के साथ संचालित होगा. इसके लिए प्रशिक्षण सामग्री को बेहतर ढंग से तैयार किया गया है. प्रसव वार्ड एवं एसएनसीयू के पांच चिकित्सकों एवं आठ नर्सों को मास्टर ट्रेनर के रूप में तैयार किया जा रहा है. ये अन्य चिकित्सकों एवं स्टाफ नर्सों को प्रशिक्षित करेंगे. मौके पर मातृ स्वास्थ्य के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ एनके सिन्हा, जिला लेखा पदाधिकारी, सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ रतन प्रकाश, डीपीएम डॉ कुमार मनोज, डीसीएम निभा रानी सिन्हा, गजानंद गुप्ता, क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक, जिला एमएंडएनइ ऋतुराज, डॉ अजय लाल, डॉ प्रियंका, डॉ रितिका सहित अन्य लोग मौजूद थे.
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