हाजीपुर. अखिल भारतीय किसान महासभा ने नया फार्मर आइडी बनाने के नाम पर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से उन किसानों के नाम हटाये जाने का विरोध किया है, जिनके स्वयं के नाम पर जमीन की जमाबंदी नहीं है. किसान महासभा के राज्य उपाध्यक्ष विशेश्वर प्रसाद यादव, जिलाध्यक्ष सुमन कुमार, जिला सचिव गोपाल पासवान, सहसचिव रामपारस भारती आदि ने केंद्र सरकार के इस कदम पर विरोध प्रकट करते हुए कहा कि 80 प्रतिशत किसानों की जमीन की जमाबंदी अब भी उनके पूर्वजों के नाम पर है. जिसके वे उत्तराधिकारी हैं और उस जमीन पर खेती-किसानी करते हैं. सिर्फ इसलिए कि जमीन की रसीद उनके स्वर्गीय पूर्वज के नाम पर है, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से उन्हें वंचित किया जाना सरकार का किसान विरोधी फैसला है. किसान नेताओं ने कहा कि 70 फीसदी से ज्यादा खेती टीका-पट्टा और बंटाई पर होती है. उन बंटाईदार किसानों को भी किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मिलना चाहिए. लेकिन, मोदी सरकार पूर्वजों के नाम की अपनी जमीन पर भी खेती करने वालों को इस लाभ से वंचित कर किसानों को हतोत्साहित करना चाहती है. नेताओं ने इस योजना में सालाना छह हजार रुपये की राशि बढ़ाकर 50 हजार रुपये करने तथा पूर्वजों के नाम की जमीन जोतने वाले किसानों के नाम योजना से नहीं हटाने की मांग की. कहा कि केंद्र सरकार के इस किसान विरोधी अभियान के खिलाफ किसानों को संगठित कर आंदोलन चलाया जायेगा.
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