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hajipur news. 20 करोड़ की जमीन के विवाद में हुई थी प्रॉपर्टी डीलर राजकुमार राय की हत्या

एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी जानकारी, उन्होंने बताया कि राघोपुर के प्रॉपर्टी डीलर राजकुमार राय उर्फ आला राय की हत्या के मामले में दो शूटर समेत चार अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है

पटना. मुन्नाचक में 20 करोड़ रुपये के जमीन विवाद में राजकुमार राय की हत्या हुई थी. बुधवार को एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि राघोपुर के प्रॉपर्टी डीलर राजकुमार राय उर्फ आला राय की हत्या के मामले में दो शूटर समेत चार अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार किये गये आरोपितों में हत्या के मास्टरमाइंड तारकेश्वर नाथ सिंह, उसका साला रवि कुमार और दो शूटर आकाश कुमार व अनिकेत कुमार शामिल हैं. पुलिस ने इनसे दो देसी पिस्टल, आठ जिंदा कारतूस, तीन मैगजीन और पांच मोबाइल फोन बरामद किये हैं. एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि हत्या की साजिश करीब चार महीने पहले रची गयी थी, जबकि वारदात 10 सितंबर को अंजाम दिया गया. पुलिस ने तारकेश्वर को वाराणसी के रामपुर से पकड़ा. उसकी निशानदेही पर रवि और दोनों शूटरों को रामकृष्णानगर थाना इलाके से गिरफ्तार किया गया. शूटरों की बतायी जगह से प्रगति विहार कॉलोनी के एक निर्माणाधीन मकान में जमीन के अंदर दबे हथियार भी बरामद किये गये. इस हत्याकांड में रवि का भाई मुन्ना और एक अन्य सहयोगी दीपक अब भी फरार हैं. पुलिस इनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है.

चार साल पुराना विवाद बना मौत की वजह

राजकुमार राय और तारकेश्वर नाथ के बीच मुन्नाचक की 10 कट्ठा जमीन, जिसकी कीमत करीब 20 करोड़ रुपये बतायी जा रही है, को लेकर चार साल से विवाद चल रहा था. यह जमीन तारकेश्वर की पत्नी नीलम देवी के नाम थी, लेकिन राजकुमार भी उस पर दावा कर रहे थे. केस कोर्ट में विचाराधीन था और हत्या के कुछ दिन बाद ही इस जमीन पर फैसला आने वाला था. आशंका जतायी जा रही है कि तारकेश्वर और उसके सालों को डर था कि फैसला कहीं राजकुमार के पक्ष में न चला जाये, इसलिए साजिश रचकर उसकी हत्या करा दी.

ससुराल में रची गयी साजिश, एक लाख की सुपारी तय

पुलिस सूत्रों ने बताया कि वाराणसी में रहने वाला तारकेश्वर अपने ससुराल (नंदगोला, मालसलामी) आया और वहीं से हत्या की पूरी योजना बनी. रवि और मुन्ना (दोनों साले) ने इलाके के दो युवकों आकाश और अनिकेत से संपर्क किया और 1 लाख रुपये में सुपारी तय की. करीब एक सप्ताह तक दोनों शूटरों ने राजकुमार की रेकी की. 10 सितंबर को जैसे ही राजकुमार अपनी कार से उतरकर घर की ओर पैदल बढ़े, दोनों शूटरों ने पास आकर तीन-तीन गोलियां दाग दीं. गोली लगते ही राजकुमार मौके पर गिर पड़े. वारदात के बाद दोनों शूटर पैदल भागे और फिर ऑटो से फरार हो गये. पुलिस ने पुष्टि की है कि घटना में बाइक का इस्तेमाल नहीं हुआ था.

वाराणसी से मिला सुराग, खुली गुत्थी

हत्या के बाद पुलिस के पास ठोस सबूत नहीं थे. टीम ने सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल लोकेशन डेटा खंगालना शुरू किया. जांच के दौरान एक संदिग्ध नंबर का लोकेशन वाराणसी में मिली. वहां दबिश देकर पुलिस ने एक संदिग्ध को पकड़ा, जिसने पूछताछ में तारकेश्वर नाथ सिंह का नाम उगल दिया. इसके बाद पटना पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया और उसकी निशानदेही पर बाकी तीनों आरोपितों को भी दबोच लिया.

बाकी आरोपित जल्द होंगे गिरफ्तार

यह हत्या पूरी तरह से जमीन विवाद में रची गयी साजिश थी. सबूतों के आधार पर मुख्य आरोपितों को पकड़ लिया गया है, बाकी को भी जल्द गिरफ्तार किया जायेगा.

कार्तिकेय शर्मा

, एसएसपी, पटना

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