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एफआरके के अभाव में नहीं हो रही खरीदी गयी 17.58 हजार एमटी धान की मिलिंग

एक नवंबर से ही किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीद है जारी

सीवान . एक नवंबर से किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीद तो लगातार जारी है, लेकिन एफआरके (पोषक तत्व युक्त चावल कण) उपलब्ध नहीं होने से धान की मिलिंग पूरी तरह ठप है. इस स्थिति ने न केवल पैक्स और राइस मिलरों की परेशानी बढ़ा दी है, बल्कि आने वाले समय में खाद्य सुरक्षा और सीएमआर आपूर्ति पर भी प्रतिकूल असर पड़ेगा. इस वर्ष एमएसपी पर धान खरीद के लिए 234 सहकारी समितियों को चयनित किया गया है. अब तक इन पैक्स के माध्यम से 3001 किसानों से कुल 17 हजार 585 मीट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है. सरकार की ओर से जिले को इस वर्ष 82 हजार 68 मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य दिया गया है.

उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष जिले को एक लाख 2761 मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य मिला था. धान की खरीद तो सुचारू रूप से हो रही है, लेकिन खरीदे गए धान से फोर्टिफाइड चावल तैयार करने की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पा रही है. राज्य खाद्य निगम की ओर से जिले में फोर्टिफाइड चावल तैयार करने के लिए कुल 14 राइस मिलों का निबंधन किया गया है. इनमें सात उसना चावल मिल और सात पैक्स आधारित अरवा चावल मिल शामिल हैं. इनमें से 12 राइस मिलों को पैक्स से टैग भी कर दिया गया है ताकि धान की कुटाई कर समय पर सीएमआर राज्य खाद्य निगम को जमा किया जा सके.

किया जा चुका है एफआरके उपलब्ध कराने वाली एजेंसी का चयन

समस्या यह है कि राज्य खाद्य निगम द्वारा अब तक मिलरों को एफआरके उपलब्ध नहीं कराया गया है. एफआरके के बिना फोर्टिफाइड चावल तैयार करना संभव नहीं है. इसी कारण अब तक खरीदे गए 17 हजार 585 मीट्रिक टन धान से एक छटांक भी फोर्टिफाइड चावल का उत्पादन नहीं हो सका है. परिणामस्वरूप सीएमआर की आपूर्ति पूरी तरह रुकी हुई है.

बताया जाता है कि एफआरके उपलब्ध कराने वाली एजेंसी का चयन भी कर दिया गया है, लेकिन केंद्र सरकार के स्तर से चल रही विभागीय प्रक्रिया के कारण अभी धान कुटाई में विलंब हो रहा है. इस देरी का सीधा असर पैक्स पर पड़ रहा है. धान कुटाई में विलंब होने से पैक्स को बैंक ऋण पर ब्याज का अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ेगा. पैक्स अध्यक्षों का कहना है कि यदि जल्द ही मिलिंग शुरू नहीं हुई तो आर्थिक दबाव और बढ़ेगा. वहीं, खाद्य सुरक्षा के तहत समय पर चावल की उपलब्धता भी प्रभावित हो सकती है.

24685 किसानों ने धान बिक्री के लिए कराया पंजीकरण

इधर, धान बेचने के लिए किसानों की रुचि लगातार बनी हुई है. अब तक 24 हजार 685 किसानों ने धान बिक्री के लिए पंजीकरण कराया है. इनमें 19 हजार 068 रैयत किसान और 5617 बटाईदार किसान शामिल हैं. खरीद की अंतिम तिथि 28 फरवरी निर्धारित है, ऐसे में समय कम और दबाव अधिक होता जा रहा है. कुल मिलाकर स्थिति यह है कि एक ओर किसान एमएसपी पर धान बेच रहे हैं, दूसरी ओर एफआरके के अभाव में मिलिंग बंद रहने से पूरी व्यवस्था अटक गई है. यदि जल्द ही एफआरके उपलब्ध नहीं कराया गया तो इसका असर पैक्स, मिलर और सरकारी आपूर्ति व्यवस्था तीनों पर साफ तौर पर दिखेगा. अब सभी की नजरें राज्य खाद्य निगम की पहल पर टिकी हैं, ताकि मिलिंग शुरू हो और खरीदे गए धान का उपयोग समय पर हो सकें.

क्या कहते हैं जिला प्रबंधक

एफआरके उपलब्ध होते ही धान की कुटाई शुरू करा दी जायेगी. एजेंसी का चयन हो चुका है. विभागीय प्रक्रिया जारी है, अनुमान है कि जल्द ही पूरा हो जाएगा.

आसिफ इकबाल, जिला प्रबंधक, राज्य खाद्य निगम, सीवान

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