हाजीपुर. कृषि विज्ञान केंद्र, हरिहरपुर में शनिवार को पांच दिवसीय केला प्रसंस्करण कार्यक्रम का समापन हुआ. कार्यक्रम का विषय केला प्रसंस्करण था, जिसमें केले के भिन्न-भिन्न उत्पाद जैसे आटा, फिग, केला का जैम, चिप्स, कुकीज़ व केक तैयार किया गया. डॉ अनिल कुमार सिंह, वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान द्वारा सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र दिया गया. इन्होंने अपने संबोधन में कहा कि केले का प्रसंस्करण करके कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है. इससे शेल्फ लाइफ बढ़ाया जा सकता है. प्रसंस्करण में विभिन्न तकनीकें शामिल हैं जैसे कि छंटाई, ग्रेडिंग, पैकेजिंग और भंडारण. इन तकनीकों का उपयोग करके, केले की गुणवत्ता और आमदनी को बढ़ाया जा सकता है. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफलतापूर्वक संचालन वैज्ञानिक कुमारी नम्रता के द्वारा किया गया. वैज्ञानिक गृह विज्ञान कविता वर्मा ने बताया कि केला का उत्पाद अपने दैनिक आहार में शामिल करने से स्वास्थ्य वर्धक होगा और स्वरोजगार को बढ़ावा मिलेगा. इस कार्यक्रम के समापन में वैज्ञानिक उद्यान डॉ जोना दाखों, वैज्ञानिक गृह विज्ञान कविता वर्मा, केंद्र की कर्मचारी इशिता सिंह, रवि कुमार, रवि रंजन, रमाकांत, सोनू कुमार, दीपक कुमार, मोहित कुमार ने अपनी सक्रिय भूमिका निभाई.
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