वैशाली. वैशाली महोत्सव के दूसरे दिन लोक गायिका मैथिलि ठाकुर की शानदार प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. मैथिली ठाकुर ने जैसे ही अपना लोकप्रिय भजन जुग जुग जिआ तु ललनवा की भवनवा के भाग जागल हो…गाना शुरू किया, पूरा दर्शक दीर्घा तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा. इसके बाद उन्होंने एक के बाद एक कई बेहतरीन प्रस्तुतियां दीं, जिनमें अइसन मनोहर सुन्दर मूरत सुहावन सुंदर…, ये राजा जी एकरे त रहल ह जरूरत महूर्त खूबसूरत हो, आज मिथला नगरिया निहाल सखिया चारो दूल्हा में बरका कमाल सखिया…, कोयल बिन बगिया ना शोभे राजा…, और देशभक्ति से ओतप्रोत गीत घर घर में एक ही नारा एक ही नाम भारत का बच्चा बच्चा जय श्री राम बोलेगा… शामिल थे. मैथिली ठाकुर ने अपनी सुरीली आवाज और भावपूर्ण गायन से दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया. उन्होंने जइसन सोचले रहनी ओइसन पियवा मोर बानी हो जैसे लोकगीतों की प्रस्तुति देकर माहौल को और भी खुशनुमा बना दिया. दर्शकों ने उनकी हर प्रस्तुति का भरपूर आनंद लिया और तालियों व सीटियों से उनका उत्साहवर्धन किया. मैथिली ठाकुर की प्रस्तुति वैशाली महोत्सव के दूसरे दिन का मुख्य आकर्षण रही.
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