वैशाली.
रामनवमी से पूर्व चैत सप्तमी के दिन निकलने वाली हनुमत ध्वजयात्रा की वर्षों पुरानी परंपरा इस वर्ष भी वैशाली में पूरे श्रद्धा और उत्साह के साथ निभाई गयी. चौमुखी महादेव मंदिर से गाजे-बाजे और जयघोष के साथ निकली इस शोभायात्रा में राम, लक्ष्मण, सीता और हनुमान के वेश में सजे बच्चों ने सभी का ध्यान आकर्षित किया. शोभायात्रा चौमुखी मंदिर से शुरू होकर हाई स्कूल चौक, नया टोला, ब्लॉक चौक स्थित महावीर मंदिर होते हुए मीरा जी की दरगाह पहुंची. वहां पुजारी चंद्र भूषण चौबे ने ध्वज स्थापित किया. शोभायात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये थे. वैशाली थाना अध्यक्ष रविंद्र पाल, दीपक कुमार समेत महिला एवं पुरुष पुलिस बल मुस्तैद रहे. जिला मुख्यालय से भी पुलिस बल आयी हुई थी. मीरा जी की दरगाह, वैशाली का एक ऐतिहासिक और सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक स्थल है. यहां हिंदू-मुस्लिम समुदाय के लोग साथ मिलकर पूजा-अर्चना और चादरपोशी करते हैं. यह दरगाह वैशाली गढ़ से लगभग 300 मीटर दक्षिण-पश्चिम स्थित एक 30 फीट ऊंचे और 145 फीट व्यास वाले प्राचीन स्तूप पर स्थित है, जहां सूफी संत काजी मीरन सुतारी की मजार है. स्थानीय लोग इसे श्रद्धा से मीरा जी की दरगाह कहते हैं. इस मजार के बगल में हिंदू धर्मस्थली है, जहां लोग पूजा-अर्चना करते हैं. रामनवमी के अवसर पर इस स्थल पर लगने वाला बावन मेला विशेष आकर्षण होता है, जिसमें दोनों समुदायों के लोग एक साथ शामिल होते हैं और साथ मिलकर मजार पर चादर तथा हिंदू धर्मस्थल पर पूजा अर्चना करते है. परंपरा के अनुसार, हरिकटोरा मठ के महंत खाकी बाबा द्वारा सप्तमी के दिन सबसे पहली चादर दरगाह पर चढ़ाई जाती थी, जो आज भी उसी श्रद्धा के साथ चादरपोशी एव हिंदू धर्म स्थल पर पूजा-अर्चना की जाती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है