हाजीपुर. शहर के कई प्रमुख चौक-चौराहों पर इ-रिक्शा चालकों का एक तरह से कब्जा होने से आम लोगों को आने जाने में भारी फजीहत का सामना करना पड़ रहा है. ये ई-रिक्शा और ऑटो चालक शहर में सड़कों का अतिक्रमण कर सुदृढ़ ट्रैफिक व्यवस्था के लिए एक तरह से चुनौती बने हुए हैं. शहर में कई ऐसे प्रमुख स्थान हैं, जो जाम का प्रमुख स्पॉट हैं. कई प्रमुख स्थानों पर पुलिसकर्मियों की तैनाती तो दिखती है, लेकिन वे सड़क किनारे किसी दुकान में बैठकर इ-रिक्शा चालकों और अतिक्रमणकारियों की कारगुजारी देखते रहते हैं.
गांधी चौक पर हमेशा लगता है जाम
शहर का गांधी चौक सबसे व्यस्ततम और प्रमुख चौराहा है. लेकिन चौक के बीचों-बीच जिस प्रकार से ई रिक्शा चालकों एवं ऑटो चालकों का कब्जा रहता है, यह चौराहा अब आम राहगीरों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. चौक के बीचों-बीच ई रिक्शा चालकों के लिए अघोषित स्टैंड बन गया है. स्टेशन चौक की तरफ से आने वाले ई रिक्शा बीच चौक पर जम जाते हैं. एक साथ तीन-चार ई रिक्शा की भीड़ लग जाती है. शाम होते ही यहां सब्जी के ठेले लग जाते हैं. कभी-कभी नगर थाना, नगर परिषद और ट्रैफिक पुलिस द्वारा अभियान चलाया भी जाता है, लेकिन इसके बावजूद शाम होते ही सब्जी के ठेले यहां अपना ठिकाना जमा लेते हैं. दिन में ट्रैफिक पुलिसकर्मी रिक्शा पर डंडा मारते रहते हैं, लेकिन रिक्शा चालक यहां से बिना पैसेंजर बैठाए आगे नहीं बढ़ते.
दिखायी नहीं दिये पुलिसकर्मी
इसी तरह त्रिमूर्ति चौक शहर का प्रमुख चौराहा है. इस स्थान से पुरानी गंडक पुल होकर सोनपुर और कोनहारा बाइपास के रास्ते वाहन पटना जाते हैं. इस चौराहे पर कभी-कभी ट्रैफिक पुलिस की तैनाती रहती है, लेकिन दोपहर में कोई पुलिसकर्मी सड़क पर या आसपास दिखाई नहीं दिया. यहां एक ही समय में कई ई-रिक्शा महावीर मंदिर और गांधी चौक जाने वाले मार्ग पर खड़े रहते हैं. इसके साथ थोड़ी ही दूरी पर ऑटो स्टैंड होने के कारण ऑटो चालक सड़क किनारे यात्रियों को उतारते-बैठाते रहते हैं. यहां बेतरतीब तरीके से वाहनों के खड़े होने के कारण हमेशा जाम की समस्या बनी रहती है.
इसके साथ ही समाहरणालय के मुख्य प्रवेश द्वार के ठीक सामने डिवाइडर है. लेकिन ट्रॉली की मदद से इसे ऐसे बनाया गया है कि प्रशासनिक और पुलिस पदाधिकारियों के वाहन यहां से ट्रॉली हटाने के बाद समाहरणालय परिसर या समाहरणालय से निकलकर स्टेशन की ओर जा सकें. लेकिन जिस स्थान पर ट्रॉली लगी हुई है, उसी डिवाइडर के पास ई रिक्शा चालकों ने अघोषित स्टैंड बना लिया है. समाहरणालय से निकलने वाले लोगों को रिक्शा में बैठाने के लिए डिवाइडर से सटाकर वाहन खड़ा किया जाता है. डिवाइडर खुला होने की स्थिति में भी ये रिक्शा चालक यात्रियों का इंतजार करते रहते हैं, भले ही पीछे कोई वाहन खड़ा हो और उसे समाहरणालय परिसर में प्रवेश करना हो. इस दौरान ट्रैफिक पुलिसकर्मी भी मूकदर्शक बने रहते हैं.क्या कहते हैं जिम्मेदार
शहर में ई रिक्शा के कारण लग रहे जाम से निजात दिलाने के लिए शहर के सभी प्रमुख चौकों पर ट्रैफिक पुलिस की तैनाती की गई है. सड़कों पर बेतरतीब पार्किंग करने वाले ई रिक्शा चालकों के खिलाफ समय-समय पर विशेष अभियान चलाकर कार्रवाई की जाती है. शहर में ई-रिक्शा के लिए पार्किंग की व्यवस्था नहीं है, जिसके कारण भी जाम लगता है.अजय मिश्रा
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