वैशाली. वैशाली महोत्सव के तीसरे दिन आम्रपाली की रंगभूमि वैशाली में गीत, संगीत और नृत्य की एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां हुईं. कई नामचीन व स्थानीय कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से महोत्सव की शाम को यादगार बना दिया. कार्यक्रम की शुरुआत सत्येंद्र संगीत के भजन ””””मेरा बिहार गीत”””” से हुई, जिन्हें उप विकास आयुक्त कुंदन कुमार ने मोमेंटो देकर सम्मानित किया. इसके बाद सुफियाना बैंड की टीम ने सूफी और लोक गायन की शानदार प्रस्तुति दी. सुफियाना लोकगायक बिनोद ग्वार ने ””””माई तेरी चुनर लहराए”””” और ””””साजन आयो रे सखी”””” जैसे गीतों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया, जिन्हें खूब सराहा गया. उनकी प्रस्तुति ””””तुझे देख देख कर है सोना तुझे देख कर है जगना जीया धड़क धड़क जाये”””” पर दर्शकों ने जमकर तालियां बजाईं. उनके द्वारा गाये गये ””””””””तेरे मस्त मस्त दोनो नैन मेरे दिल को ले गये चैन”””” को भी दर्शकों ने खूब पसंद किया. वैशाली महोत्सव के अंतिम दिन स्थानीय कलाकार पवन कुमार ने लोक गाथा का गायन किया. हाजीपुर के एकीकरण निजी स्कूल की छात्रा दिव्या कुमारी ने मधुर गायन प्रस्तुत किया, जबकि अमरेश कुमार राय की टीम ने लोक गीतों की प्रस्तुति दी. विकास कुमार विरचंद्र राम ने भी लोक गायन से दर्शकों को आनंदित किया. शैलेन्द्र सिंह, राकेश, नवल किशोर सिंह ने लोक गायन और इंदुबाला शर्मा ने लोक गीतों से दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया. स्थानीय कलाकारों को सुनने के लिए बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों की भीड़ उमड़ी थी.
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