देवेंद्र गुप्त, हाजीपुर
सहकारिता विभाग एवं जिला प्रशासन के प्रयास के बाद भी जिले में गेहूं खरीद की रफ्तार काफी धीमी है. विभाग ने इस वर्ष जिले में 3220 टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया है. गत एक अप्रैल से गेहूं की खरीदारी शुरू हुई है और इसके लिए 15 जून तक की तिथि तय की गयी है. गेहूं की खरीदारी के 50 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब तक मात्र 18 टन की ही खरीद हो सकी है. ऐसे में लक्ष्य से दूरी का अंदाजा लगाया जा सकता है. गेहूं खरीद के लिए सरकार का न्यूनतम समर्थन मूल्य बाजार के मुकाबले काफी कम होने के कारण किसान पैक्स के हाथों गेहूं बेचने से इंकार कर रहे हैं. इससे विभाग के अधिकारी और पैक्स अध्यक्षों को लक्ष्य पूरा करना दुश्वार दिख रहा है.इस वर्ष अधिक खरीदारी का विभाग ने किया था दावा
गेहूं की खरीदारी की शुरुआत होने पर विभाग ने इस बार बीते साल की तुलना में अधिक खरीद होने का दावा किया था. कम मूल्य के कारण पैक्स के प्रति किसानों की बेरुखी ने इस दावे की हवा निकाल दी. वैशाली जिले को गेहूं उत्पादन वाले मुख्य जिलों की सूची से बाहर रखा गया है. इसके बावजूद विभाग को उम्मीद थी कि बीते वर्षों के मुकाबले इस साल गेहूं की खरीद बहुत ज्यादा होगी. गेहूं की खरीदारी का लक्ष्य पूरा करने के लिए विभाग ने पैक्स अध्यक्षों को प्रेरित किया. जिला प्रशासन की ओर से भी पैक्स अध्यक्षों के साथ बैठक कर गेहूं खरीद के लक्ष्य के बारे में बताया गया. इसके अलावा जूम मीटिंग के माध्यम से भी बार-बार पैक्स अध्यक्षों को गेहूं खरीद में तेजी लाने को कहा गया है. पैक्स अध्यक्ष भी अपने स्तर से किसानों को प्रेरित कर रहे हैं. लेकिन, सरकार द्वारा निर्धारित एमएसपी पर किसान पैक्स में गेहूं बेचना नहीं चाह रहे हैं.सरकारी दर 2425 और बाजार में 26 से 27 सौ तक बेच रहे किसान
विभाग ने इस वर्ष गेहूं खरीद का न्यूनतम समर्थन मूल्य दो हजार 425 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है. पैक्स अध्यक्षों का कहना है कि बाजार में गेहूं की दर 26 से 27 सौ रुपये प्रति क्विंटल है. ऐसी स्थिति में किसान हमारे यहां गेहूं बेचने से मना कर रहे हैं. ऐसे में लक्ष्य प्राप्त करना मुश्किल हो गया है. किसान दिनेश प्रसाद यादव, नवल किशोर सिंह, वैद्यनाथ सिंह, रमेश चंद्र सिंह, मनोज कुमार आदि ने बताया कि खुले बाजार में गेहूं की बिक्री करने पर प्रति क्विंटल दो से तीन सौ रुपये तक अधिक कीमत मिल रही है और लगे हाथ पैसा भी मिल जा रहा है. ऐसे में, पैक्स में बेचकर नुकसान उठाने क्यों जाये. पैक्स में गेहूं बेचने पर पैसे का भुगतान होने में भी कई दिन लग जाते हैं.
603 किसानों ने कराया रजिस्ट्रेशन, मात्र 11 ने बेचे गेहूं
जिले में गेहूं की खरीद करने के लिए सहकारिता विभाग ने सभी 16 प्रखंडों में कुल 142 पैक्स का चयन किया था. इनमें से 85 की मैपिंग हुई, लेकिन गेहूं की खरीद मात्र 11 पैक्स में ही हो सकी है. जिला सहकारिता पदाधिकारी श्यामानंद ठाकुर ने बताया कि गेहूं की खरीदारी के लिए जिले भर से 603 किसानों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया था. लेकिन, अब तक बिक्री करने वाले किसानों की संख्या सिर्फ 11 है. इनमें से 10 किसानों की राशि का भुगतान किया जा चुका है. जिले के सदर प्रखंड के अलावा देसरी, पटेढ़ी बेलसर, राघोपुर, राजापाकर और वैशाली प्रखंडों में एक भी किसान ने पैक्स में गेहूं की बिक्री नहीं की. बिक्री के लिए निबंधन कराने वालों में सबसे ज्यादा वैशाली प्रखंड के 144 किसान हैं, जिनमें से एक ने भी पैक्सों को गेहूं नहीं बेचा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

