हाजीपुर. जिले में 10 व 14 अप्रैल को आयी तेज आंधी-बारिश से हुई फसल क्षति के विभागीय आंकलन में कोई नुकसान नहीं दिख रहा है, जबकि जिले के लगभग आधा दर्जन से अधिक प्रखंडों में बारिश के कारण हजारों एकड़ में लगी गेहूं की फसल बर्बाद हो गयी है. बारिश में भींगने से जहां गेहूं काले पड़ गये हैं. वहीं, किसानों को फसल सहेजने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मौसम खराब होने के कारण जिले के खासकर चंवर इलाकों में अब भी खेतों में लगी गेहूं की फसल कटनी का इंतजार कर रहे हैं. इसके बावजूद कृषि विभाग के अधिकारियों को फसल का नुकसान दिखायी नहीं दे रहा है. जो किसानों के लिए चिंता का विषय है.10 अप्रैल की शाम अचानक मौसम के बदले मिजाज ने गेहूं उत्पादक किसानों के मंसूबे पर पानी फेर दिया था. अचानक आयी आंधी एवं बारिश के कारण हजारों एकड़ में कटी गेहूं की फसल भींगने के कारण खराब हो गए. किसान राम बली सिंह, डोमन राय, श्रवण कुमार आदि ने बताया कि बारिश में काटी गयी फसल भींगने के कारण गेहूं के दाने काले पड़ गए. इससे किसानों को गेहूं का उचित मूल्य नहीं मिल पाएगा. इसके साथ ही हजारों एकड़ में खेतों में लगी फसल गिरने के कारण भी खराब हो रहे है. भींगे फसल को दौनी करने में भी काफी परेशानी हो रही है. सरकार एवं कृषि विभाग को इसका आंकलन कर उचित मुआवजा देनी चाहिए ताकि किसानों को फसल खराब होने से अतिरिक्त दबाव का सामना नहीं करना पड़े.
14 अप्रैल को आयी आंधी-पानी से हुई क्षति के आंकलन का अब तक निर्देश नहीं
जिला कृषि कार्यालय के अधिकारी अमित कुमार ने बताया कि 10 अप्रैल को आयी आंधी एवं बारिश में किसानों के फसल को कोई नुकसान नहीं हुआ है. विभागीय गाइडलाइन के अनुसार फसल क्षति का सर्वे कराया गया था. जिसमें सभी प्रखंडों से फसल क्षति का आंकड़ा शून्य आया है. हालांकि 14 अप्रैल की शाम आई तेज आंधी एवं बारिश से हुए फसल क्षति के आंकलन के लिए किसी प्रकार का कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है. विभागीय निर्देश के बाद फसल क्षति के लिए सर्वे कराया जायेगा.गेहूं के साथ मक्का और केले की फसल को भी भारी नुकसान
जिले में बीते 10 एवं 14 अप्रैल को आयी आंधी एवं बारिश में तैयार गेहूं की फसल के साथ-साथ गरमा मक्का एवं केले की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है. इसके साथ ही आंधी के कारण आम के टिकोले झरने से आम उत्पादक किसानों को भी नुकसान सहना पड़ रहा है. इसके बाद भी पंचायत स्तर पर कराये गये सर्वे में फसल नुकसान का आंकड़ा शून्य बताया जा रहा है. इससे किसानों में मायूसी देखी जा रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है