उचकागांव. मीरगंज शहर स्थित गणेश लॉज परिसर में चल रही श्रीराम कथा के पांचवें दिन शनिवार को श्रीराम बारात का अलौकिक वर्णन करते हुए मानस मर्मज्ञ आराधना ने कहा कि भगवान और महापुरुषों को जाति के आधार पर नहीं देखना चाहिए. महापुरुष राष्ट्र और समाज के धरोहर हैं. उनकी जाति का अपने स्वार्थ की राजनीति व लाभ उठाना पाप के समान है. कथावाचिका ने कहा कि श्रीराम और महर्षि परशुराम दोनों ही महापुरुष हैं. महापुरुष देश और समाज के हैं, उनका जीवन सभी के लिए कल्याणकारी है. कथा प्रसंग को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि इतने बड़े धनुष को भंग करने के बाद भी भगवान राम भगवान परशुराम से कहते हैं कि आपकी कृपा से आपके बल से ही वह धनुष किसी आपके सेवक ने ही तोड़ा होगा. कथावाचिका ने कहा कि जब भी जीवन में किसी बड़ी उपलब्धि पर मन में गर्व आये, तो श्रीराम की विनम्रता को याद कर लेना. श्रीराम और श्रीकृष्ण दोनों में मात्र इतना अंतर है कि जहां श्रीकृष्ण अपने प्रभाव से जाने जाते हैं, वहीं श्रीराम अपने सरल शील स्वभाव से जाने जाते हैं. उन्होंने समाज में मर्यादाएं कायम की. राम का चरित्र हमारे लिए एक आचार संहिता के समान है, जिससे हमारा उत्थान और उन्नयन होता है. उन्होंने कहा कि बेटी को खूब पढ़ाइए और उसे अच्छे संस्कार दीजिए. एक बेटी दो परिवारों को संस्कारित और एकजुट करती है. इधर, श्री राम कथा सुनने के लिए भारी भीड़ उमड़ रही है.
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