20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

आइआइटी प्रवेश परीक्षा में बड़े बदलाव की सिफारिश

आइआइटी प्रवेश परीक्षा में बड़े बदलाव की सिफारिशनेशनल टेस्टिंग सर्विस एप्टीट्यूड टेस्ट आयोजित करेगा एप्टीट्यूड टेस्ट से चार लाख छात्रों को किया जायेगा शाॅर्टलिस्टेड2017 लागू हो सकती हैं ये सिफारिशें नयी दिल्ली : एक उच्च-स्तरीय समिति ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान ( आइआइटी ) में प्रवेश के लिए आयोजित की जानेवाली परीक्षाओं में बड़े बदलाव की […]

आइआइटी प्रवेश परीक्षा में बड़े बदलाव की सिफारिशनेशनल टेस्टिंग सर्विस एप्टीट्यूड टेस्ट आयोजित करेगा एप्टीट्यूड टेस्ट से चार लाख छात्रों को किया जायेगा शाॅर्टलिस्टेड2017 लागू हो सकती हैं ये सिफारिशें नयी दिल्ली : एक उच्च-स्तरीय समिति ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान ( आइआइटी ) में प्रवेश के लिए आयोजित की जानेवाली परीक्षाओं में बड़े बदलाव की सिफारिश की है. समिति ने एक नेशनल टेस्टिंग सर्विस ( एनटीएस ) की स्थापना की भी सिफारिश की है. एनटीएस संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेइइ ) के लिए चार लाख छात्रों को शॉर्टलिस्ट करने के लिए एप्टीट्यूड टेस्ट आयोजित करेगा. प्रोफेसर अशोक मिश्रा की अध्यक्षता में गठित प्रबुद्ध जन समिति ( सीइपी ) की कई सिफारिशों का मकसद आइआइटी अभ्यर्थियों की कोचिंग संस्थानों पर निर्भरता को खत्म करना है. समिति ने पांच नवंबर को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने व्यापक विचार-विमर्श के लिए समिति की सिफारिशें सार्वजनिक करने का फैसला किया है. मंत्रालय ने फैसला किया है कि 2016 की जेइइ 2015 की तरह ही आयोजित की जायेगी, जिसमें जेइइ एडवांस्ड चरण में 1.5 लाख से बढ़ा कर दो लाख छात्रों को शामिल किया जायेगा. सीइपी ने यह सुझाव भी दिया है कि जेइइ की संरचना में बदलावों को 2017 से प्रभावी किया जाना चाहिए. सिफारिशों के मुताबिक, 2016 की शुरुआत तक एक नेशनल टेस्टिंग सर्विस का गठन किया जायेगा, जो एक एप्टीट्यूड टेस्ट आयोजित करेगा. एप्टीट्यूड टेस्ट में वैज्ञानिक अभिरुचि एवं नवोन्मेषी तरीके से सोचने की क्षमता की जांच की जायेगी. एप्टीट्यूड टेस्ट साल में दो या इससे ज्यादा बार आयोजित होगा और यह एक ऑनलाइन परीक्षा होगी. समिति ने यह सिफारिश भी की है कि टेस्ट के जरिये वैज्ञानिक सोच परखी जायेगी ओर उसे ‘‘कोचिंग के जरिये नहीं विकसित किया जा सकता. सिफारिशों के मुताबिक, इस प्रदर्शन के आधार पर करीब चार लाख अभ्यर्थियों को जेइइ के लिए शॉर्टलिस्ट किया जायेगा, जो मौजूदा जेइइ एडवांस्ड के तर्ज पर होगा. आइआइटी द्वारा आयोजित की जानेवाले जेइइ में भौतिकी, रसायनशास्त्र और गणित की जानकारी परखी जायेगी. एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘इसके जरिये 40,000 से ज्यादा छात्रों को रैंक जारी किया जायेगा और वे इस रैंक के आधार पर एक साझा काउंसलिंग के बाद आइआइटी और एनआइटी में दाखिला ले सकेंगे.” यह सुझाव भी दिया गया है कि आइआइटी को मॉक जेइइ परीक्षाओं को विकसित करने के लिए एक प्रणाली स्थापित करनी चाहिए, जिससे छात्रों को जेइइ की तैयारी में बहुत मदद मिलेगी और ‘‘वे कोचिंग उद्योग से दूर होंगे.” समिति ने एक अन्य अहम सिफारिश यह की है कि इस साल एनआइटी और सीएफटीआइ के लिए रैंकिंग देने में बोर्ड के अंकों को न गिना जाये.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें