गया.
भारतीय शिक्षा जगत के लिए एक उल्लेखनीय उपलब्धि के रूप में सीयूएसबी के मनोवैज्ञानिक विज्ञान विभाग के प्राध्यापकों ने अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन (एपीए) 2025 सम्मेलन में अपने शोध प्रस्तुत करने का एक प्रतिष्ठित अवसर प्राप्त किया है. यह बहुप्रतीक्षित कार्यक्रम सात अगस्त 2025 से डेनवर, यूएसए में आयोजित किया जायेगा. शोध दल में डॉ चेतना जायसवाल, प्रो धर्मेंद्र कुमार सिंह व उन्नीकन्नन पी संतोष कुमार शामिल हैं. इस उपलब्धि पर कुलपति प्रो कामेश्वर नाथ सिंह, कुलसचिव प्रो नरेंद्र कुमार राणा एवं विभाग के अन्य प्राध्यापकों ने पूरी टीम को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं. पीआरओ मोहम्मद मुदस्सीर आलम ने बताया कि अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन (एपीए) 2025 सम्मेलन मनोविज्ञान के सबसे प्रमुख वैश्विक मंचों में से एक है. सम्मेलन में प्रस्तुति के लिए सीयूएसबी की टीम के डिकलोनीजिंग माइंडस एंड एजुकेशन: ए क्रिटिकल डीसेरनमेंट ऑफ इंडियाज ट्रांसफॉर्मेटिव एनइपी 2020 शीर्षक वाले अध्ययन को डिवीजन 15- शैक्षिक मनोविज्ञान के तहत एक महत्वपूर्ण वार्तालाप सत्र के लिए स्वीकार किया गया है जो सतत शिक्षा (सीइ) क्रेडिट प्रदान करता है. डॉ जायसवाल ने बताया कि यह शोध स्वदेशी ज्ञान प्रणालियों, समावेशिता और समग्र शिक्षण पद्धतियों को बढ़ावा देकर शिक्षा में औपनिवेशिक विरासत को खत्म करने के लिए एनइपी 2020 के दृष्टिकोण का गंभीर रूप से विश्लेषण करता है. इसके अतिरिक्त अध्ययन में उत्तर-औपनिवेशिक समाजों में राष्ट्रीय पहचान और संज्ञानात्मक मुक्ति को आकार देने में गैर-औपनिवेशिक शिक्षा के व्यापक निहितार्थों की जांच की गयी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है