सीयूएसबी : कैंपस प्लेसमेंट में 33 विद्यार्थियों ने फाइनल राउंड पर्सनल इंटरव्यू के लिए किया क्वालीफाई गया. प्रतिष्ठित पीरामल फाउंडेशन के प्रतिनिधियों ने गांधी फेलोशिप के लिए सीयूएसबी के स्नातकोत्तर फाइनल ईयर विद्यार्थियों के लिए कैंपस प्लेसमेंट का आयोजन किया. पीआरओ सह प्लेसमेंट सेल के समन्वयक मोहम्मद मुदस्सीर आलम ने बताया कि कुलपति प्रो कामेश्वर नाथ सिंह के संरक्षण में प्लेसमेंट सेल के अध्यक्ष प्रो आतिश पराशर के सहयोग से इस वर्ष उत्तीर्ण होने वाले स्नातकोत्तर (पीजी) छात्रों के लिए प्लेसमेंट ड्राइव आयोजित किया गया. पीरामल फाउंडेशन के प्रोग्राम लीडर नासिर हसन के नेतृत्व में उनकी टीम के सहयोगियों ऋतुपर्णा कोनार एवं अनिकेत भायदे ने प्लेसमेंट ड्राइव को आयोजित किया. पीआरओ ने बताया कि सत्र 2024-26 के लिए गांधी फेलोशिप के लिए सीयूएसबी के लगभग 100 छात्र-छात्राओं ने अपना पंजीकरण कराया था, जिसमें से 33 विद्यार्थियों ने फाइनल राउंड पर्सनल इंटरव्यू के लिए क्वालीफाई किया. चाणक्य भवन में आयोजित फाइनल राउंड इंटरव्यू में पीरामल फाउंडेशन के इंटरव्यू पैनलिस्ट की ओर से समाजसेवा के साथ-साथ कई विषयों से प्रश्न पूछे गये. अपनी पढ़ाई पूरी कर उज्ज्वल भविष्य का सपना लेकर विद्यार्थियों ने प्लेसमेंट प्रक्रिया में काफी उत्साह के साथ भाग लिया. राष्ट्र निर्माण में युवाओं का योगदान होता है अहम पीरामल फाउंडेशन के नासिर हसन ने बताया कि गांधी फेलोशिप दो साल का कार्यक्रम है, जिसके तहत पूरे भारत के प्रतिष्ठित संस्थानों से सामाजिक मुद्दों में रुचि रखने वाले मेधावी छात्रों का चयन किया जाता है. गांधी फेलोशिप इस बात में विश्वास रखती है कि राष्ट्र निर्माण में युवाओं का अहम योगदान होता है. इसीलिए, उनके संगठन का लक्ष्य फेलोशिप करने वाले छात्रों में नेतृत्व की भावना पैदा करना है, जो समाज और देश में एक बड़ा बदलाव ला सकते हैं. साथ ही यह फेलोशिप प्राप्त करने वाले छात्र सामाजिक परिवर्तन लाने के लिए अन्य पहलुओं पर भी गंभीरता से विचार कर उचित कदम उठाते हैं. वे लोगों से मिलते हैं और उन्हें हर संभव मदद प्रदान करते हैं, जिसमें उन्हें अपना लघु स्तरीय व्यवसाय शुरू करने में मदद करना आदि शामिल है. गांधी फेलोशिप प्राप्त करने वाले छात्रों को दो साल के लिए करीब 25000 रुपये का मासिक अनुदान दिया जाता है. बता दें कि हर साल सीयूएसबी से कई छात्रों को गांधी फेलोशिप के लिए प्लेसमेंट मिलता है, जिन्हें फेलोशिप पूरा होने के बाद प्रतिष्ठित संस्थानों में रोजगार के अवसर मिलते हैं और कई पूर्व छात्र पीरामल फाउंडेशन में ही काम कर रहे हैं.
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