उनका परिवार गया शहर स्थित शिक्षा विभाग का कार्यालय व मगध उच्च विद्यालय का चक्कर लगाते-लगाते थक गया है. अब उनकी पत्नी ने अपनी जान देने का ही निर्णय ले लिया है. बुधवार को रिटायर्ड शिक्षक की पत्नी मालती सिन्हा ने जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) डॉ प्रियनंदन प्रसाद के कार्यालय में शिकायत से संबंधित एक आवेदन दिया.
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आत्मदाह की चेतावनी पर जागे अधिकारी
गया: 31 अक्तूबर 2006 को नीमचक बथानी अनुमंडल के कजूर स्थित मगध उच्च विद्यालय से सेवानिवृत्त हुए सहायक शिक्षक राजेंद्र प्रसाद अब भी अपनी पेंशन व भविष्य निधि से संबंधित रुपये के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. शिक्षा विभाग के अधिकारियों की कारगुजारी से नालंदा के नरहर बिगहा के रहनेवाले रिटायर्ड शिक्षक, उनकी […]
गया: 31 अक्तूबर 2006 को नीमचक बथानी अनुमंडल के कजूर स्थित मगध उच्च विद्यालय से सेवानिवृत्त हुए सहायक शिक्षक राजेंद्र प्रसाद अब भी अपनी पेंशन व भविष्य निधि से संबंधित रुपये के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. शिक्षा विभाग के अधिकारियों की कारगुजारी से नालंदा के नरहर बिगहा के रहनेवाले रिटायर्ड शिक्षक, उनकी पत्नी मालती देवी, बेटा अरविंद कुमार व मनोज कुमार सहित उनका पूरा परिवार करीब साढ़े आठ साल से परेशान है.
आवेदन में 30 अप्रैल की दोपहर दो बजे जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में आत्मदाह करने की चेतावनी दी है. वह आवेदन देकर चली गयीं. बाद में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) डॉ प्रियनंदन प्रसाद की नजर उस आवेदन पर पड़ी, तो हड़बड़ा गये. उन्होंने तुरंत इस मामले की जांच करने की जिम्मेवारी कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) अरुण कुमार मिश्र को सौंपा और इससे संबंधित एक पत्र डीएम संजय कुमार अग्रवाल, सदर एसडीओ मकसूद आलम व सिविल लाइंस थानाध्यक्ष निहार भूषण को भेजा. सदर एसडीओ ने भी आनन-फानन में मामले की जांच व घटना को रोकने के लिए मजिस्ट्रेट की तैनाती कर दी है.
हेडमास्टर पर ही गड़बड़ी करने का आरोप
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) डॉ प्रियनंदन प्रसाद ने बताया कि मगध उच्च विद्यालय से रिटायर हुए सहायक शिक्षक राजेंद्र प्रसाद की पेंशन व अन्य मामलों को लेकर सभी कागजात उनके कार्यालय द्वारा बहुत पहले ही पूरा कर संबंधित विभाग को भेज दिया गया है. रिटायर्ड शिक्षक की पत्नी मालती सिन्हा द्वारा दिये गये आवेदन के अनुसार, उनका आरोप मगध उच्च विद्यालय के हेडमास्टर रवींद्र कुमार के विरुद्ध है. वह हेडमास्टर के क्रियाकलाप से इतनी क्षुब्ध हैं कि उन्होंने उनके स्थानांतरण तक की मांग की है. उनका कहना है कि उनकी पोती की शादी है. लेकिन, हेडमास्टर की हरकत से उन्हें रुपये नहीं मिल रहे हैं. उन्होंने बताया कि हेडमास्टर द्वारा ही उनके पेंशन संबंधित कागजात को जिला कोषागार भेजने में गलती की गयी है. इस मामले में हेडमास्टर की भूमिका की जांच करने की जिम्मेवारी कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) अरुण कुमार मिश्र को सौंपी गयी है. जांच रिपोर्ट आने पर हेडमास्टर के विरुद्ध कार्रवाई हो सकती है.
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