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बिहार में कोचिंग नियमावली का ड्राफ्ट तैयार, नहीं पढ़ायेंगे सरकारी शिक्षक, डीएम को मिला ये खास अधिकार

डीएम को कुछेक श्रेणी में कोचिंग संस्थानों की तय फीस में कटाैती करने का अधिकार होगा. शिक्षा विभाग ने तैयार इस ड्राफ्ट पर आम लोगों से सात दिनों के भीतर सुझाव और आपत्तियां मांगी है. विभाग ने इसे वेबसाइट अपलोड किया है.

पटना. शिक्षा विभाग ने कोचिंग नियमावली तैयार कर ली है. इसके तहत किसी भी कोचिंग संस्थान में सरकारी स्कूल या संस्थान में पढ़ाने वाले शिक्षकों की सेवा नहीं ली जा सकेगी. डीएम को कुछेक श्रेणी में कोचिंग संस्थानों की तय फीस में कटाैती करने का अधिकार होगा. शिक्षा विभाग ने तैयार इस ड्राफ्ट पर आम लोगों से सात दिनों के भीतर सुझाव और आपत्तियां मांगी है. विभाग ने इसे वेबसाइट अपलोड किया है. ई मेल आइडी- [email protected] पर सुझाव भेजने के लिए कहा है.

न्यूनतम कारपेट एरिया 300 वर्ग फुट होगा

नियमावली के अनुसार उसी कोचिंग संस्थान का पंजीकरण दिया जायेगा, जिसकी प्रत्येक कक्षा का का न्यूनतम कारपेट एरिया 300 वर्ग फुट होगा. कोचिंग संस्थानों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए डीएम को विशेष शक्तियां दी जायेंगी. डीएम सरकारी स्कूलों व कॉलेजों के समय को ध्यान में रखते हुए कोचिंग संस्थानों का समय निर्धारित करेंगे. कोचिंग में अधिकतम विद्यार्थियों की संख्या, आपदा प्रबंधन के मानदंडों को पालन कराने की शक्तियां भी दी गयी हैं. वे सार्वजनिक हित और सुरक्षा को ध्यान में रख कर कोचिंग संस्थान की गतिविधि भी नियंत्रित कर सकेगा. जिला अधिकारी कोचिंग संस्थानों को जरूरत पड़ने पर कोई भी आदेश दे सकेंगे.

कोचिंग संस्थानों के लिए आचार संहिता

सरकारी किसी व्यक्ति से मुफ्त या अन्यथा से सेवा नहीं लेंगे. कोचिंग संस्थान की स्थापना, संचालन या प्रशासन में शामिल कोई भी व्यक्ति अपने कार्यकाल की अवधि में सरकारी स्कूल या संस्थान में शामिल नहीं होगा, चाहे वह सहायता प्राप्त हो या नहीं. संस्थान की जिम्मेदारी होगी कि कोई भी सरकारी शिक्षक या गैर शिक्षण कर्मचारी किसी भी रूप में उसके मामलों में शामिल न हो. यह सुनिश्चित करना होगा कि कोचिंग कक्षाओं की समय तालिका किसी भी तरह से सरकारी स्कूल के टाइम टेबल से टकराव में न हो. संस्थान दिन के ऐसे समय सरकारी स्कूलों या संस्थानों के विद्यार्थियों को कोचिंग नहीं देगा, जिस दौरान विद्यार्थियों को स्कूलों में उपस्थित रहना होता है.

पंजीकरण रद्द करने के संदर्भ में प्रावधान

नियमावली में दो बार दंडित कोचिंग संस्थान का पंजीयन रद्द हो सकता है. इसके बाद कोचिंग संचालन जारी रखा गया तो जिला पदाधिकारी सभी तरह की चल संपत्ति के साथ परिसरों को जब्त कर सकेंगे. पंजीकरण रद्द होने के बाद उस कोचिंग में नामांकित विद्यार्थियों को किसी अन्य संस्थानों में टैग किया जायेगा. पंजीयन रद्द होने के दो साल बाद तक वह नये पंजीयन के लिए आवेदन नहीं कर सकेगा. जब्त संपत्ति वाले कोचिंग संस्थान छह माह के अंदर जुर्माना जमा करके अपनी चल-अचल संपत्ति को वापस ले सकेंगे. ऐसा जुर्माना उसकी चल -अचल संपत्ति के मूल्यांकन के 25% से कम नहींं होगा. इसके अलावा अन्य प्रावधान किये गये हैं.

मुफ्त कोचिंग में पढ़ाने के लिए आठ सितंबर तक करें आवेदन

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने जेइइ व नीट की निशुल्क तैयारी करायेगा. इसके लिए फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ एवं बायोलॉजी विषय के शिक्षकों से आवेदन मांगा है. जेइइ व नीट की तैयारी कराने वाले शिक्षक अलग-अलग आवेदन कर सकते हैं. समिति ने फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ व बायोलॉजी विषयों के लिए आवेदन आठ सितंबर तक कर सकते हैं. [email protected] पर इमेल से आवेदन कर सकते हैं. आवेदन के साथ अपना अनुभव प्रमाण-पत्र भी पीडीएफ में दे सकते है. या आवेदन वेबसाइट https://coaching.biharboardonline.com पर कर सकते हैं.

पहले चार वर्षों के लिए मिलेगा इतना वेतन

जेइइ के लिए फिजिक्स, केमिस्ट्री व मैथ के लिए चयनित अभ्यर्थियों को चार लाख रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जायेगा. वहीं, नीट के लिए फिजिक्स, केमिस्ट्री, बॉटनी व जूलॉजी के लिए 3.50 लाख प्रतिमाह मानदेय दिया जायेगा. प्रथम वर्ष चार सालों का कार्यादेश दिया जायेगा. इसमें आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों का इंटरव्यू 10 सितंबर को 11:30 बजे से होगा. ऐसे अभ्यर्थी जो पहले मैथ, केमिस्ट्री व बायोलॉजी विषयों में शिक्षण के लिए आवेदन कर चुके हैं उनको पुन: आवेदन करने की आवश्यकता नहीं है.

Ashish Jha
Ashish Jha
डिजिटल पत्रकारिता के क्षेत्र में 10 वर्षों का अनुभव. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश. वर्तमान में पटना में कार्यरत. बिहार की सामाजिक-राजनीतिक नब्ज को टटोलने के लिए प्रयासरत. देश-विदेश की घटनाओं और किस्से-कहानियों में विशेष रुचि. डिजिटल मीडिया के नए ट्रेंड्स, टूल्स और नैरेटिव स्टाइल्स को सीखने की चाहत.

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