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पीपीइ की जगह एचआईवी किट पहन कर कोरोना मरीजों के बीच ड्यूटी कर रहे पीएमसीएच के डॉक्टर

मरीजों का इलाज कर रहे डाक्टरों को न तो पर्याप्त संख्या में मास्क मिल रहे हैं और न ही सेनेटाइजर. कोरोना से बचाव के लिए मिलने वाली दूसरी सुविधाओं का भी अभाव है

पटना. कोरोना से जंग में पीएमसीएच प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है. यहां मरीजों का इलाज कर रहे डाक्टरों को न तो पर्याप्त संख्या में मास्क मिल रहे हैं और न ही सेनेटाइजर. कोरोना से बचाव के लिए मिलने वाली दूसरी सुविधाओं का भी अभाव है. ऐसे में डाक्टर, नर्स और दूसरे चिकित्साकर्मी डर के साये में काम करने को मजबूर हैं. हद दर्जे की लापरवाही तो ये हो रही है कि इमरजेंसी में कार्यरत डाक्टरों को कोरोना से बचाव के लिए पहनी जाने वाली पीपीइ किट भी नहीं मिल पा रही है. जब डाक्टरों ने इसको लेकर बहुत विरोध जताया तो उन्हें एचआइवी मरीजों का आपरेशन करते समय पहनी जाने वाली किट पहनने के लिए दे दी गयी है. यह किट कोरोना से पूरी सुरक्षा नहीं दे सकती है. इस किट में गर्दन व चेहरे का हिस्सा खुला रहता है. ऐसे में कोरोना संदिग्धों के करीब रहने वाले डाक्टरों पर संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है.

इमरजेंसी में कार्यरत एक डाक्टर नाम नहीं छापने की शर्त पर कहते हैं कि हर पल हम डर डर कर काम कर रहें हैं. पीएमसीएच अधीक्षक से हमने सोमवार को मिलकर अपनी समस्या बतायी तो कहा गया कि सेनेटाइजर की आपूर्ति नहीं हो रही इसलिए आप लोगों को सेनेटाइजर के बदले साबुन दे सकते हैं, आप लोग साबुन से हाथ धो लिया करें. वे कहते हैं कि बस काम चलाऊ व्यवस्था यहां है. इमरजेंसी में जहां डाक्टर और नर्स बैठते हैं वहां सेनेटाइजर तक नहीं है. पीएमसीएच के सभी डाक्टरों और कर्मचारियों को एन 95 मास्क भी नहीं मिला है. ज्यादातर खुद का खरीदा हुआ मास्क पहन कर ड्यूटी कर रहें हैं. ऐसे में कभी भी बड़े पैमाने पर इनमें संक्रमण फैल सकता है. ट्रेनों से दूसरे राज्यों से आये मरीजों की जांच के लिए रविवार और सोमवार को दानापुर में पीएमसीएच की मेडिकल टीम लगायी गयी थी. यहां भी नर्सों को एचआइवी किट पहना कर जांच करने के लिये भेज दिया गया था.

कोरोना आइसोलेशन वार्ड में जाने वाले डाक्टरों और चिकित्सा कर्मियों को पीपीइ किट दी जा रही है. दूसरी ओर पीएमसीएच परिसर में जरूरत के मुताबिक साफ-सफाई या सेनेटाइजेशन का काम भी नहीं हो रहा है. आइएमए की पीएमसीएच ब्रांच के सचिव डा सच्चिदानंद कुमार कहते हैं कि यहां हर दिन कोरोना के संदिग्ध मरीज आते हैं. इसलिए पूरे परिसर में सभी जगहों पर कम से कम दो बार सेनेटाजेशन करने की जरूरत है. वे कहते हैं कि सभी जरूरतमंद डाक्टर और चिकित्साकर्मी को मास्क, सेनेटाइजर और पीपीइ किट मिलनी चाहिये. डाक्टरों और चिकित्साकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिये. वहीं पीएमसीएच जूनियर डाक्टर एसोसिएशन के प्रेसीडेंट डा शंकर भारती कहते हैं कि इमरजेंसी समेत उन सभी जगहों पर कार्यरत डाक्टरों और चिकित्साकर्मियों को मास्क, सेनेटाइजर और पीपीइ किट मुहैया करवायी जानी चाहिये जो कोरोना संक्रमण के रिस्क वाले क्षेत्र में काम कर रहें हैं. इस महामारी में डाक्टर और चिकित्साकर्मियों की जान बचाना बेहद जरूरी है. ऐसा होने पर ही हम मरीजों की बेहतर सेवा कर पायेंगे.

पटना एम्स में भी नहीं मिल रहे सभी डाक्टरों को मास्क

पटना एम्स में भी सभी डाक्टरों को एन 95 मास्क नहीं दिया गया है. इमरजेंसी में काम करने वाले डाक्टरों और चिकित्साकर्मियों को तीन लेयर वाला सर्जिकल मास्क दिया जा रहा है जो कि कोरोना से बचाव के लिए ज्यादा प्रभावी नहीं है. आइजीआइएमएस में भी मास्क और सेनेटाइजर की भारी कमी है. कई डाक्टरों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि यहां भी सभी डाक्टरों को मास्क, सेनेटाइजर नहीं मिलें हैं. इसके बारे में पूछने पर आइजीआइएमएस के चिकित्सा अधीक्षक -2 डा कृष्णा गोपाल कहते हैं कि हमारे यहां सभी विभागों में मास्क और सेनेटाइजर दिये गये हैं. जो जरूरतमंद हैं उन्हें यह मुहैया करवाया गया है.

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