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बिहार में नहीं थम रहा डेंगू का संक्रमण, मुंगेर में जांच किट खत्म तो मुजफ्फरपुर में प्लेटलेट्स की किल्लत

जिले में अबतक कुल 462 मरीज एलाइजा जांच में डेंगू पॉजिटिव पाये गये हैं. वहीं प्री-फैब्रिकेटेड अस्पताल में बने डेंगू वार्ड में सोमवार तक कुल 35 मरीज भर्ती हैं. जिसमें 3 मरीज एलाइजा पॉजिटिव हैं. जबकि शेष 31 मरीज डेंगू के संदिग्ध मरीज हैं.

पटना. बिहार में डेंगू संक्रमण की रफ्तार कम होने का नाम नहीं ले रही है. सोमवार को भी पटना समेत कई जिलों में बड़ी संख्या में एलाइजा जांच में डेंगू के पॉजिटिव मिले रहे हैं. सोमवार को मुंगेर जिले में एलाइजा जांच में डेंगू के सात नये पॉजिटिव मरीज पाये गये. मुंगेर में कुल डेंगू मरीजों की संख्या 462 हो गयी है. इस बीच, मुंगेर सदर अस्पताल में डेंगू मरीजों की जांच के लिए रैपिड किट खत्म हो गया. हालांकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा पांच हजार कीट का ऑर्डर दिया गया है, जो मंगलवार की सुबह तक पहुंच जायेगा. वहीं अस्पताल उपाधीक्षक द्वारा सभी डॉक्टरों को सीबीसी जांच में प्लेटलेट्स कम पाये जाने पर ही डेंगू जांच लिखने का निर्देश दिया गया है. अस्पताल उपाधीक्षक डॉ रमन कुमार ने बताया कि जिले में सोमवार को एलाइजा जांच में डेंगू के छह नये मरीज पाये गये. इसके बाद जिले में अबतक कुल 462 मरीज एलाइजा जांच में डेंगू पॉजिटिव पाये गये हैं. वहीं प्री-फैब्रिकेटेड अस्पताल में बने डेंगू वार्ड में सोमवार तक कुल 35 मरीज भर्ती हैं. जिसमें 3 मरीज एलाइजा पॉजिटिव हैं. जबकि शेष 31 मरीज डेंगू के संदिग्ध मरीज हैं.

कहते हैं सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डॉ पीएम सहाय ने बताया कि पांच हजार डेंगू के रैपिड किट का ऑर्डर दिया गया है, जो मंगलवार की सुबह तक पहुंच जायेगा. उन्होंने कहा कि पर्याप्त मात्रा में डेंगू किट उपलब्ध करा दिया गया है. अस्पताल उपाधीक्षक ने बताया कि अस्पताल में डेंगू का रैपिड किट समाप्त हो गया था. हालांकि सोमवार तक अस्पताल में कुल 20 किट थे. जबकि डेंगू किट का ऑर्डर दिया गया है. उन्होंने बताया कि प्रतिदिन 200 से 300 मरीजों का डेंगू जांच रैपिड किट से किया जा रहा है. इसे लेकर सभी चिकित्सकों से मरीजों का सीबीसी जांच में प्लेटलेटस कम पाये जाने पर डेंगू जांच लिखने का निर्देश दिया गया है.

पटना जिले में 24 घंटे के अंदर मिले 30 नये मरीज, आंकड़ा 3204 पहुंचा

पटना जिले में डेंगू के रोजाना रिकॉर्ड तोड़ केस सामने आ रहे हैं. 20 दिनों से हर रोज औसतन 100 से 175 के आसपास नये मरीज मिल रहे हैं. हालांकि अन्य दिनों की तुलना में सोमवार को जिले में 30 नये मरीज मिले हैं. इसके साथ ही जिले में कुल पॉजिटिव मरीजों की संख्या 3204 के पार है. इनमें सबसे अधिक पीएमसीएच में 10, एनएमसीएच में 4 और आइजीआइएमएस में 8 सहित कुल 30 मरीज संबंधित मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में चिह्नित किये गये हैं. इसके अलावा जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, अनुमंडलीय अस्पताल, प्राइवेट लैब व प्राइवेट अस्पतालों में एक से दो के बीच मरीज पाये गये हैं.

पिछले 20 दिन में ही संख्या 2500 के पार

पिछले 20 दिन में ही संख्या 2500 के पार पहुंच गयी है. वहीं सिविल सर्जन डॉ श्रवण कुमार ने कहा कि पीएमसीएच में 25 व एनएमसीएच में 25 बेड का डेंगू वार्ड हो गया है. इसके अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के अलावा मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में पांच-पांच डेंगू वार्ड में बेड की संख्या बढ़ा दी गयी है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग जहां डेंगू का लार्वा मिल रहा है उन स्थानों पर कंटेनर सर्वे, एंटी लार्वा स्प्रे और फॉगिंग करा रहा है.

गया में सात की रिपोर्ट डेंगू पॉजिटिव, 11 मरीज भर्ती, दो रेफर

मगध मेडिकल अस्पताल में एलाइजा जांच में सात लोगों की रिपोर्ट डेंगू पॉजिटिव आयी है. अस्पताल उपाधीक्षक डॉ एनके पासवान ने बताया कि फिलहाल 11 मरीजों का इलाज डेंगू वार्ड में चल रहा है. सोमवार को दो मरीज के प्लेटलेट्स कम रहने के कारण बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर में रेफर किया गया है. अब तक इस सीजन में एक भी मरीज की मौत नहीं हुई हैं. कुछ अखबारों में आमस के एक बच्ची की मौत मगध मेडिकल में बताया गया है. रविवार को यहां के इमरजेंसी में पहले से मृत बच्ची को लाया गया था. यहां उसका एलाइजा टेस्ट भी नहीं हुआ है. इस स्थिति में नहीं कहा जा सकता है कि बच्ची की मौत डेंगू से हुई है. मगध मेडिकल में उसका इलाज एक भी दिन नहीं हुआ है. उन्होंने बताया कि फिलहाल अस्पताल के डेंगू वार्ड में 11 मरीज में सात कंफर्म व चार संदिग्ध मरीज शामिल हैं. सोमवार को 12 मरीज को छुट्टी दी गयी है. उन्होंने बताया कि ब्लड सेपरेशन यूनिट की एक मशीन 20 दिन पहले, तो दूसरी पांच दिन पहले खराब हो गयी है. यहां ब्लड से प्लेटलेट्स बनाने का काम बंद हो गया है. इस कारण प्लेटलेट्स के कमी वाले मरीज को रेफर किया जा रहा है.

बिहारशरीफ जिले में मिले डेंगू के तीन रोगी

बिहारशरीफ जिले में अभी भी डेंगू का डंक का प्रकोप जारी है. आये दिन जिले के कोई न कोई प्रखंड में इसके रोगी चिंहित हो रहे हैं. सोमवार को भी जिले में डेंगू के तीन रोगी प्रतिवेदित हुए हैं. जिला एपिडेमियोलॉजिस्ट ने बताया कि पावापुरी मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल के माइक्रोबायोलॉजी विभाग से प्राप्त रिपोर्ट में तीन लोग डेंगू पॉजिटिव पाये गये हैं. जिसमें से एक सिलाव, एक कतरीसराय व एक बिंद के शामिल हैं. जिले में अब तक डेंगू के 136 रोगी चिंहित हो चुके हैं. डेंगू एलाइजा जांच की सुविधाएं विम्स पावापुरी व सदर अस्पताल में मुफ्त में उपलब्ध हैं. स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रभावित इलाकों पर नजर रखी जा रही है. ग्रामीण इलाकों में दवा की फॉगिंग करायी जा रही है. जबकि शहरी इलाकों में नगर निगम ,नगर परिषद व नगर पंचायत की ओर से डेंगू नियंत्रण के लिए दवा फॉगिग करायी जाती है.

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मुजफ्फरपुर में बढ़ी प्लेटलेट्स की डिमांड, मरीज के परिजन दे रहे ब्लड

मुजफ्फरपुर जिले में डेंगू मरीजों का मिलना जारी है. इसके चलते प्लेटलेट्स की डिमांड भी बढ़ती जा रही है. इसके लिए डेंगू मरीजों के परिजन अपने स्तर पर अपने जानकारों को प्लेटलेट्स के लिए ला रहे हैं. वहीं ब्लड बैंक के कर्मी प्लेटलेट्स के लिए ब्लड डोनर को फोन कर बुला रहे हैं. एसकेएमसीएच व केजरीवाल ब्लड बैंक में हर दिन दस से बारह मरीज के परिजन ब्लड डोनेट करवा रहे हैं. हालांकि अभी तक डेंगू से दो ही मरीज की मौत हुई है. निजी अस्पताल में भर्ती मरीज को लेकर प्लेटलेट्स की डिमांड भी बढ़ गई है.

पांच दिन बाद खराब हो जाता है प्लेटलेट्स

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अगर कोई प्लेटलेट्स देना चाहता है तो उसका ब्लड निकाला जाता है. ब्लड निकालने के बाद उससे प्लेटलेट्स अलग किया जाता है. उस ब्लड की वैधता चार से पांच दिन होती है. इसके बाद वह खराब हो जाता है. एसकेएमसीएच व केजरीवाल ब्लड बैंक में हर रोज 10 से 12 लोग डेंगू मरीज के लिए प्लेटलेट्स लेने आते हैं. ब्लड बैंक में स्टॉक नहीं होता तो डोनर को फोन किया जाता है.

भागलपुर में 16 नये डेंगू मरीज मिले, 30 हुए स्वस्थ

भागलपुर जिले में सोमवार को डेंगू के 16 नये मरीज एलिजा जांच में मिले. सिविल सर्जन कार्यालय के अनुसार सात मरीज सदर अस्पताल व नौ मरीज मायागंज अस्पताल में मिले. मायागंज अस्पताल के प्रबंधक सुनील कुमार ने बताया कि सोमवार को 113 मरीजों को इलाज चल रहा था. नौ अक्तूबर को एंटिजन टेस्ट में 22 नये मरीज मिले. वहीं 30 मरीजों को स्वस्थ होने के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया.

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