Darbhanga News: दरभंगा. कदम-कदम पर पोखर के कारण प्रमंडलीय मुख्यालय दरभंगा को तालाबों का शहर के रूप में जाना जाता है. अतिक्रमण की वजह से शहर का यह परिचय समाप्ति के कगार पर पहुंच गया है. इसके लिए कई बार अभियान तो चले, लेकिन फलाफल शून्य ही रहा. कहीं-कहीं स्थायी कार्रवाई जरूर हुई. इन दिनों शहर की सड़कों से लेकर ग्रामीण इलाकों तक में जिस तरह सख्ती के साथ प्रशासन अतिक्रमण के विरूद्ध अभियान चला रहा है, उससे लोगों मेंं तालाबों के भी अतिक्रमण मुक्त होने की उम्मीद बढ़ी है. बता दें कि विशाल तालाबों के कारण शहर की एक अलग पहचान सदियों से रही है. एक समय था, जब यहां कदम-कदम पर तालाब नजर आया करते थे. व्यवसायिक सोच ने भूमि माफियाओं का ध्यान इन तालाबों की ओर खींचा और धीरे-धीरे सैंकड़ों की संख्या में तालाब वाले इस शहर में अब उंगली पर गिनने लायक पोखर शेष रह गये हैं. जो तालाब अस्तित्व में हैं, उनके वजूद पर भी संकट बना हुआ है. कहीं आत के अंधेरे में तो कहीं दिन के उजाले में इसका अतिक्रमण अनवरत हो रहा है. तालाब बचाओ अभियान समिति के नारायणजी झा सहित अन्य प्रकृति स्नेहियों की कोशिश भी अपेक्षित परिणाम प्रशासनिक उदासीनता के कारण नहीं दे पा रहा है.
शहर से गायब हो गये 84 प्रतिशत पोखर
तालाबों के शहर के रूप में मशहूर दरभंगा के पोखरों काे भू-माफियाओं ने समय के साथ निगल लिया. दर्जनों निजी तालाबों को भरकर आलीशान इमारतें बना ली गयी. यह क्रम अभी भी अनवरत जारी है. ऐसा तब हो रहा है, जब सरकार एवं न्यायालय के स्तर से पोखरों को समाप्त किये जाने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा हुआ है. बता दें कि एक समय था, जब यहां 364 तालाब हुआ करते थे. आज महज 40 बच गये हैं. एक सीध में बने हराही, दिग्घी, गंगासागर एवं मिर्जा खां तालाब का चहुंओर अतिक्रमण है. बड़े-बड़े नामचीन लोगों तक के नाम अतिक्रमण करने वालों में शामिल है. लोग बेसब्री से अब इनके अतिक्रमण मुक्ति की राह देख रहे हैं.शहर के शेष तालाब
शहर में सरकारी आंकड़ो के अनुसार वर्तमान में 40 पोखर अस्तित्व में हैं. नगर विकास एवं आवास विभाग को नगर निगम प्रशासन की ओर से इन तालाबों की सूची उपलब्ध करायी गयी थी. इसमें महंथ पोखर, गोपाल साह पोखर, छठी पोखर, नीम पोखर, बेला नवागढ़ी पोखर, लक्ष्मीसागर दुर्गा मंदिर पोखर, हराही पोखर, दिग्घी पोखर, गंगासागर, नवरत्न मंदिर पोखर, प्रधान पोखर, लाल पोखर, साहुजी पोखर, खान चौक स्थित पोखर, मतरंजन पोखर, मिर्जा खां तालाब, गामी पोखर, बलभद्रपुर स्थित रामजानकी पोखर, राय साहब पोखर, कबीरपुर पोखर, कचहरी पोखर, अभंडा पोखर, केएम टैंक, सर्वेश्वरनाथ मंदिर पोखर, जेल पोखर, सैदनगर काली मंदिर पोखर, कटरहिया पोखर, खर्गाजी पोखर, धोबी पोखर, बलुआही पोखर, जटियाही पोखर, भटवा पोखर एवं भैयाजी पोखर शामिल हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

