दरभंगा. कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय आधुनिकीकरण की राह पर चलने की तैयारी शुरू कर दी है. इसे लेकर शुक्रवार को कुलपति प्रो. लक्ष्मी निवास पांडेय की मौजूदगी में भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के उपक्रम ब्रॉडकास्ट इंजीनियरिंग कंसल्टेंट इंडिया प्रा.लि. (बीइसीआइएल) की तीन सदस्यीय विशेषज्ञों की टीम ने प्रोजेक्टर पर प्रस्तुति दी. विशेषज्ञों ने विश्वविद्यालय के लिए तैयार किये गए मॉड्यूल की जानकारी दी. बताया कि डिजिटलाइजेशन की व्यवस्था से विश्वविद्यालय की समस्त प्रबंधन इकाई अपटूडेट हो जायेगी. टीम ने यह भी बताया कि किस प्रोसेस से नामांकन आवेदन किया जायेगा, फिर फाइनल नामांकन के लिए कौन सी प्रक्रिया होगी. परीक्षा विभाग के सारे कार्यों को ऑनलाइन किस मॉड्यूल से संपादित किया जायेगा, यह बताया. कुलपति प्रो. पांडेय ने कहा कि मौजूदा दौर में डिजिटाइजेशन से कौन पीछे रहना चाहता है. हमलोग उम्मीद करते हैं कि विशेषज्ञों ने जो प्रजेंटेशन दिया है, उसके अनुरूप कार्यों को करने से विश्वविद्यालय और छात्रों को लाभ मिलेगा. आगे की जो प्रक्रियाएं हैं, उसे जल्द पूरी की जाएगी, ताकि यहां नए मॉड्यूल में काम हो. विवि में जल्द ही डिजिटलाइजेशन का कार्य शुरू किया जायेगा. सबसे अधिक लाभ छात्रों को मिलेगा. नामांकन से लेकर परीक्षा परिणाम तक की सारी प्रक्रियाएं नए मॉड्यूल में ऑनलाइन हो जाएगी. कार्य संस्कृति में बदलाव आएगा. पीआरओ निशिकांत के अनुसार विशेषज्ञों की टीम राजभवन के निर्देश पर नए मॉड्यूल को समझाने विश्वविद्यालय आयी थी. टीम ने कहा कि डिजिटलाइजेशन के नए मॉड्यूल लागू हो जाने से विश्वविद्यालय की समेकित प्रबंधकीय व्यवस्था बदल जाएगी और कार्यों में तेजी आ जायेगी. प्रेजेंटेशन के मौके पर कुलसचिव डॉ दीनानाथ साह, वित्त पदाधिकारी डॉ जयकिशोर चौधरी, परीक्षा नियंत्रक शैलेन्द्र मोहन झा, सूचना वैज्ञानिक डॉ नरोत्तम मिश्रा, डॉ रामसेवक झा, डॉ यदुवीर स्वरूप शास्त्री, राजेश कुमार झा आदि मौजूद थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है