Darbhanga News: दरभंगा. कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय की बुधवार को हुई सीनेट की बैठक के दौरान सदस्यों को कराये गये भोजन में खेला कर दिया गया. विवि सूत्रों के अनुसार प्रति व्यक्ति भोजन का दर 750 रुपये निर्धारित था. 750 रुपया में जो खाना मिला, उसे कई सीनेट सदस्यों ने 300 रुपये का भी नहीं बताया. कहा कि भात, दाल, दो तरकारी, परवल तथा भिंडी का फ्राइ, सलाद, दो चम्मच दही तथा एक पीस मिठाई के नाम पर 750 रुपये का भुगतान पूरी तरह से लेन-देन आधारित लग रहा है. कहा कि भोजन व्यवस्था के नाम पर राशि की लूट की गयी होगी.
वार्षिक मिलन कार्यक्रम बनता जा रहा संस्कृत विवि का सीनेट
संस्कृत विवि में सीनेट की बैठक सदस्यों के लिये वार्षिक मिलन कार्यक्रम बनता जा रहा है. सभी आते हैं. एक साथ बैठते हैं. मिलते तथा बतियाते हैं. बजट को बिना किसी विशेष अवरोध को पारित करते हैं. फिर अपनी-अपनी विचारधारा के पक्ष में दो-चार मिनट जोर-जोर से हांक लगाने के साथ अपने कर्तव्य का इतिश्री कर लेते हैं.अधिकांश सीनेट सदस्यों की रहती उपहार तथा मान्य राशि में दिलचस्पी
बैठक समाप्त होने से पहले से ही सदस्याें को आने-जाने के साथ भाग लेने की राशि की चिंता रहती है. इस साल उपहार का स्तर क्या है, इस पर निगाहें रहती है. बैग तथा चादर का स्तर बैठक के प्रारंभिक मिनटों में सदन में चर्चा का विषय रहता है. विश्वविद्यालय प्रशासन का एक पूरा अमला बैठक के साथ-साथ बगल के कक्ष में यात्रा भत्ता व सम्मानिकी के हिसाब- किताब के साथ उसके भुगतान की प्रक्रिया में जुटा रहता है. बैठक के बीच में जाकर ही सदस्यों से बिल पर हस्ताक्षर लिया जाता है. यहां तक कि भुगतान भी बीच बैठक में ही अधिकांश सदस्याें को कर दिये जाने की बात कही जा रही है.फिर अगले साल मिलने का वादा करते हुए विदा हुए सदस्य
अगले साल मिलने का वादा करते हुए सदस्यों ने इस साल भी एक-दूसरे से विदा ली. हर साल की तरह ही इस साल भी बजट पास हुआ. इस बैठक (औपचारिकता) पर हर वर्ष की तरह ही लाखों रुपये फूंक दिये गये. छात्र-शिक्षक, शिक्षा व्यवस्था आदि पर न ठोस चर्चा की गयी और न ही पिछली बैठकों में इस लिये गये निर्णयों पर अमल हुआ या नहीं, इस कटघरे में अधिकारियों को खड़ा ही किया गया.कुलाधिपति के आदेश पर अमल नहीं, कार्यवाही कर दी संपुष्ट
पिछले साल की बैठक में मौजूद कुलाधिपति ने कई टास्क दिया था. विश्वविद्यालय ने कोई टास्क पूरा नहीं किया. बावजूद गत बैठक की कार्यवाही (हास्यास्पद रूप से) सदस्यों ने संपुष्ट कर दी. कुलाधिपति ने सीनेट की सामान्य बैठक बुलाने, निकायों का चुनाव कराने तथा सेवानिवृत्त शिक्षाकर्मियों को अवकाश ग्रहण के दिन सभी लाभ देने को कहा था. इसमें से किसी आदेश पर अमल नहीं हुआ.हर साल छात्रों की कमी का उठता मुद्दा, कार्यान्वयन नहीं होताहर साल बैठक में छात्रों की कमी का मुद्दा उठता है. इस बार भी कुछ सदस्य पूर्व की तरह गंभीर दिखें. कहा भी कि हर बैठक में यह समस्या रखी जाती है, पर कोई पहल नहीं होती. सिर्फ अभिभाषणों में प्रशासक सीरियस दिखता, धरती पर नहीं.
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