Darbhanga News: दरभंगा. वृद्धि करते हुए समय पर भुगतान की मांग को लेकर दरभंगा जंक्शन के सफाई कर्मी हड़ताल पर चले गये. इससे पूरा जंक्शन परिसर एवं रेलवे लाइन तक कचरों से पट गया. कचरों से उठते दुर्गंध के बीच रेल यात्रियों को सफर करना पड़ा. ये कर्मी सफाई के लिए तैनात ठेकेदार के विरुद्ध आक्रोशित थे. मांग पूरा करने को लेकर कई बार गुहार लगा चुके थे. ठेकेदार द्वारा मांग पूरी नहीं किये जाने के कारण हड़ताल पर चले गये. काम छोड़ दिया. इस वजह से न तो बाहरी परिसर और न ही प्लेटफार्म पर झाड़ू तक लग सका. नतीजतन जगह-जगह कचरों का ढेर जमा हो गया. यह स्थिति तीन दिनों तक बनी रही. हालांकि गुरुवार की दोपहर वार्ता के बाद कर्मी वापस काम पर लौट आये. इसके बाद यात्रियों को गंदगी से राहत मिली. उल्लेखनीय है कि दरभंगा जंक्शन आय के नजरिए से समस्तीपुर रेल मंडल का टॉपर स्टेशनों में शामिल रहा है. स्वाभाविक रूप से यहां यात्रियों की बड़ी संख्या रहती है. सामान्यत: औसतन 26 से 28 हजार यात्री नित्य आवागमन करते हैं. इसी अनुपात में गंदगी भी फैलती है. रेलवे ने जंक्शन परिसर, प्लेटफार्म, प्रतीक्षालय के अलावा रेलवे ट्रैक की सफाई का जिम्मा ठेकेदार को दे रखा है. ठेकेदार सफाई कर्मियों से संविदा पर काम कराते हैं. भीड़ के कारण ही तीन शिफ्ट में कर्मियों की ड्यूटी लगायी जाती है.
न्यूनतम मजदूरी देने की मांग
सफाई कर्मियों का कहना है कि उनलोगों को फिलहाल आठ हजार रुपये मासिक दिया जाता है. उनकी मांग 15 हजार रुपये करने की है. महिला सफाई कर्मी ने बताया कि न्यूनतम मजदूरी के दर से भी भुगतान नहीं होता. किसी भी महीने में समय पर पैसा नहीं दिया जाता है. साथ ही पीएफ फंड में भी राशि नहीं भेजी जाती है. इसके लिए कई बार ठेकेदार से गुहार लगायी, लेकिन अनसुना कर दिया गया. मजबूरन मंगलवार को सभीने मिलकर हड़ताल कर दी.
बाहरी कर्मी को काम से रोका
इस बीच कई बार ठेकेदार के प्रतिनिधि ने रेल अधिकारियों की मौजूदगी में सफाई कर्मियों से बात की, लेकिन अपनी मांग पर सभी अड़े रहे. कहा जाता है कि रेल प्रशासन के दबाव पर ठेकेदार ने बाहर से कुछ लोगों को दैनिक भुगतान के आधार पर काम के लिए बुलाया. यह जानकारी मिलते ही वर्षों से अलग-अलग ठेकेदार के अधीन काम करने वाले कर्मी भड़क उठे. उन्हें काम नहीं करने दिया. अंतत: एक महीना में सभी मांग को पूरा करने के लिए हरसंभव प्रयास किये जाने के आश्वासन पर हड़ताली कर्मी काम पर वापस लौट आये.
दोपहर बाद बदली जंक्शन की सूरत
तीन दिनों तक सफाई नहीं होने के कारण पूरा जंक्शन कचरों से भर गया. उनपर भिनभिना रही मक्खियां व उठते दुर्गंध के बीच यात्रियों को सफर करना पड़ा. गुरुवार की दोपहर करीब 12 बजे से सभी काम पर लौटे. इसके बाद धीरे-धीरे जंक्शन की सूरत बदली.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

