Darbhanga News: दरभंगा. लनामिवि के पीजी रसायन विभाग के पूर्व अध्यक्ष सह पूर्व संकायाध्यक्ष प्रो. प्रेम मोहन मिश्र ने संबद्ध महाविद्यालयों के शिक्षाकर्मियों को वेतनमान देने का आग्रह मुख्यमंत्री से किया है. कहा है कि कक्षा में छात्रों की संख्या एक हो या 150, शिक्षकों को पढ़ाने में समय और परिश्रम बराबर लगता है. शिक्षक वर्ग में उपस्थित सारे छात्रों को समान रूप से पढ़ाते हैं. परीक्षा परिणाम भिन्न होना, शिक्षकों की मेहनत की नहीं, बल्कि छात्र- छात्राओं के परिश्रम और तथ्यों को ग्रहण करने की क्षमता पर निर्भर करता है. ऐसी परिस्थिति में छात्र -छात्राओं के परीक्षा परिणाम के आधार पर अनुदान देने का निर्णय उचित प्रतीत नहीं होता है. परिणाम आधारित अनुदान की व्यवस्था किसी सरकारी विभाग में नहीं है, फिर शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विभाग के लिए यह व्यवस्था असंगत है.
समान काम के लिए मिले समान वेतन
कहा है कि अनुदान भी कतिपय कारणों से नियमित निर्गत नहीं हो पाता है. सरकार से विमुक्त अनुदान की राशि वितरण में कालेज प्रबंधन के स्तर पर भी विसंगतियां पाए जाने की शिकायतें मिलती रहती है. कहा है कि अंगीभूत एवं संबद्ध कालेजों का पाठ्यक्रम एक समान होता है. दोनों में अध्यापन करा रहे शिक्षाकर्मियों को बराबर परिश्रम करना होता है. फिर दोनों का अलग अलग वेतन, समान काम के लिए समान वेतन के सिद्धांत के भी प्रतिकूल है. प्रो. मिश्रा ने शिक्षकों की मानसिक पीड़ा पर गंभीरतापूर्वक ध्यान देते हुए उन्हें वेतनमान देने की घोषणा कर, बिहार के विकास में अनेक कार्यों की तरह एक और कीर्तिमान स्थापित करने का आग्रह सीएम से किया है.
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