Darbhanga News: दरभंगा. डीएमसीएच के ईएनटी विभाग में आयोजित तीन दिवसीय राज्यस्तरीय सम्मेलन के दूसरे दिन शनिवार को विभिन्न तकनीकी सत्रों में विशेषज्ञों ने अपने शोध, अनुभव और आधुनिक उपचार पद्धतियों से अवगत कराया. डॉ राघव शरण ने श्रवण प्रोसेसिंग, कॉक्लियर इम्प्लांटेशन, हियरिंग इम्प्लांट्स तथा एंडोस्कोपिक तकनीकों पर प्रस्तुति दी. सुबह के सत्रों में कई महत्वपूर्ण व्याख्यान व वीडियो इंटरैक्टिव प्रस्तुति दी गयी. डॉ आरडी कुमार मेमोरियल ऑरेशन का आयोजन किया गया. संचालन डॉ शहनवाज ने किया. इस सत्र में डॉ सुधीर मज्ही ने “एंडोस्कोपिक सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूड राइनोरिया रिपेयर, एन इंस्टीट्यूशनल स्टडी”विषय पर प्रस्तुति दी. डॉ राजेश विश्वकर्मा ने “हियरिंग इम्प्लांट्स इन मैनेजमेंट ऑफ डेफनेस” विषय पर अनुभव साझा किया. इसके अलावा डॉ संतोष, डॉ राजीव रंजन प्रसाद आदि ने व्याख्यान दिया. आयोजन समिति के चेयरमैन डॉ रिजवान अहमद तथा सचिव डॉ मनोज कुमार ने बताया कि सम्मेलन का उद्देश्य चिकित्सकों को नवीनतम तकनीकों से अपडेट करना और अनुभवों का आदान-प्रदान है. रविवार को सम्मेलन का समापन होगा.
तेज आवाज और लगातार हेडफोन के इस्तेमाल से बढ़ रहा बहरापन
दरभंगा. आधुनिक जीवनशैली में बढ़ते शोर, मोबाइल के अत्यधिक उपयोग और लगातार हेडफोन लगाने की आदत अब गंभीर स्वास्थ्य समस्या का रूप ले रही है. बहरापन यानी हियरिंग लॉस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. ईएनटी सम्मेलन में एम्स पटना की ईएनटी विशेषज्ञ डॉ क्रांति भावना ने बताया कि वर्तमान समय में इएनटी विभागों में आने वाले कुल मामलों में करीब 60 प्रतिशत केस हियरिंग लॉस से जुड़े होते हैं, जिनमें अधिकांश युवाओं में तेज आवाज और हेडफोन का अत्यधिक उपयोग प्रमुख कारण है. कहा कि दिनभर उच्च ध्वनि स्तर वाले वातावरण में रहना, लगातार म्यूजिक सुनने के लिए हेडफोन को कान में लगाए रखना और मोबाइल पर तेज आवाज में वीडियो देखने की आदत धीरे-धीरे कान की भीतरी कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है. यह नुकसान समय के साथ स्थायी बहरापन का कारण बन सकता है. 25 से 35 वर्ष की उम्र में ही कम सुनाई देने की समस्या लेकर चिकित्सकों के पास लोग आ रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

