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Darbhanga news: डॉ राजेंद्र प्रसाद ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन एवं देश के विकास में दिया महत्वपूर्ण योगदान

Darbhanga news:लनामिवि के कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी ने कहा कि देश के प्रथम राष्ट्रपति के रूप में डॉ राजेंद्र प्रसाद ने आदर्श स्थापित किया.

Darbhanga news: दरभंगा. लनामिवि के कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी ने कहा कि देश के प्रथम राष्ट्रपति के रूप में डॉ राजेंद्र प्रसाद ने आदर्श स्थापित किया. वे देश के जाज्वल्यमान नक्षत्र थे. डॉ राजेंद्र प्रसाद की जयंती पर जुबली हॉल में पीजी समाजशास्त्र विभाग की ओर से “भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद : जीवन एवं कार्य ” विषय पर आयोजित संगोष्ठी में कुलपति बोल रहे थे. कहा कि डॉ राजेंद्र प्रसाद का जीवन काफी संघर्ष पूर्ण रहा, फिर भी उन्होंने परिश्रमपूर्वक अनेक डिग्री प्राप्त की. भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन एवं देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया. उनके जीवन एवं कार्यों से प्रभावित होकर अनेक अच्छे नेता बनें. कुलपति ने कहा कि डॉ राजेंद्र प्रसाद कुशल राष्ट्रपति थे. कई बार विधेयकों पर विचार-विमर्श कर वे सुधार के लिए सरकार को वापस भी कर देते थे.

उनके जीवन से मिलती सादा जीवन और उच्च विचार अपनाने की सीख

कुलपति ने कहा कि उनके जीवन से सादा जीवन और उच्च विचार अपनाने की सीख मिलती है. कहा कि ऐसे आयोजन सिर्फ औपचारिकता के लिए नहीं हो. नई पीढ़ी को अपने महापुरुषों के जीवन से अच्छी सीख लेनी होगी, ताकि हमारा देश 2047 तक विकसित होने के साथ विश्वगुरू बन सके.

सादगी एवं विनम्रता उनकी असल पहचान- डॉ हंसदा

कुलसचिव डॉ दिव्या रानी हंसदा ने कहा कि डॉ राजेंद्र प्रसाद का जीवन अति प्रेरणादायक है. सादगी एवं विनम्रता उनकी असल पहचान है. वे मानते थे कि पद नहीं, बल्कि विचार महान होता है. संविधान निर्माण में अमूल्य योगदान देने वाले राजेंद्र बाबू का विश्वास था, कि जब गांव बढ़ेगा, तभी देश का विकास होगा.

डॉ राजेंद्र प्रसाद ने की थी मूल्यपरक शिक्षा एवं संस्कारों की बात- प्रो. शशि भूषण

शिक्षा संकायाध्यक्ष प्रो. शशि भूषण राय ने कहा कि डॉ राजेंद्र प्रसाद ने मूल्यपरक शिक्षा एवं संस्कारों की बात की थी, जिनसे भावी पीढ़ी भारत को महान बना सके. डब्ल्यूआइटी के निदेशक प्रो. अजय नाथ झा ने कहा कि राजेंद्र बाबू की जीवन शैली एवं विचारों को आत्मसात करने की जरूरत है. वे हमारे मार्गदर्शक हैं. राजनीति विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो. मुनेश्वर यादव ने कहा कि स्वप्न द्रष्टा राजेंद्र प्रसाद संविधान सभा के अध्यक्ष के रूप में अमिट छाप छोड़े. अपने जीवन में हमेशा प्रथम रहने वाले डॉ राजेंद्र प्रसाद का जीवन और कार्य हमारे लिए सदा अनुकरणीय है.

भाषण प्रतियोगिता में अव्वल आये छात्र-छात्रा हुए सम्मानित

मौके पर समाजशास्त्र विभाग में भाषण प्रतियोगिता आयोजित की गयी. विभा कुमारी प्रथम, वैष्णवी कुमारी द्वितीय तथा लाल कुमार एवं तबस्सुम परवीन तृतीय स्थान मिला. तीनों को कुलपति ने प्रमाण पत्र से सम्मानित किया. विभिन्न कॉलेजों से आए एनएसएस स्वयंसेवकों एवं छात्र-छात्राओं को प्रतिभागिता प्रमाण पत्र दिए जाने की बात कही गई. इससे पहले सामाजिक विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. शाहिद हसन ने स्वागत करते हुए कहा कि राष्ट्रपति होते हुए भी डॉ राजेंद्र प्रसाद ने आम लोगों का जीवन जिया और काफी लोकप्रिय हुए. संचालन डॉ सुनीता कुमारी तथा डॉ प्रमोद गांधी तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ सरिता कुमारी ने किया.

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