Darbhanga News: कुशेश्वरस्थान पूर्वी. उसरी पंचायत के छोटकी कोनिया गांव में गोनर मुखिया के आवास पर श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन बुधवार को अयोध्या के कथावाचक ऋषभ ने भगवान के 24 अवतारों की कथा सुनायी. साथ ही समुद्र मंथन की कथा सुनाते हुए कहा कि यह संसार भगवान का एक सुंदर बगीचा है. यहां 84 लाख योनियों के रूप में भिन्न-भिन्न प्रकार के फूल खिले हैं. जब-जब कोई अपने गलत कर्मों द्वारा इस संसार रूपी भगवान के बगीचे को नुकसान पहुंचाने की चेष्टा करता है, भगवान ने इस धरा धाम पर अवतार लेकर सज्जनों का उद्धार और दुर्जनों का संहार किया है. उन्होंने कहा कि मानव हृदय ही संसार सागर है. मनुष्य के अच्छे और बुरे विचार ही देवता और दानव के द्वारा किए जाने वाला मंथन है. उन्होंने कहा कि प्रभु जब अवतार लेते हैं तो माया के साथ आते हैं. साधारण मनुष्य माया को शाश्वत मान लेता है और अपने शरीर को प्रधान मान लेता है. शरीर नश्वर है. भागवत बताता है कि कर्म ऐसा करो जो निष्काम हो. वही सच्ची भक्ति है. कथा के बीच में विभिन्न तर्जों पर प्रस्तुत भजन-कीर्तन से श्रोता भक्ति सागर में गोते लगाते रहे. अंत में ठाकुरजी की आरती हुई.
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