पटना. केंद्र सरकार द्वारा बिहार को 194 मीट्रिक टन (एमटी) ऑक्सीजन का कोटा आवंटित किया गया है. केंद्र द्वारा आवंटित ऑक्सीजन का ट्रांसपोर्टेशन के कारण और इसके बाद उसे रिफिल के लिए कनवर्जेंश के कारण परेशानी आ रही है. इसको दूर करने के लिए गुजरात से राज्य सरकार ने 40 एमटी क्षमतावाले टैंकर को मंगाया गया है.
बिहार में ऑक्सीजन आपूर्ति की निगरानी विकास आयुक्त की अध्यक्षता वाली कमेटी द्वारा की जा रही है जिसके नोडल पदाधिकारी उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव को बनाया गया है. राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने बताया कि इसके अलावा बिहार के पास अपने 19 ऑक्सीजन प्लांट सह क्रायोजेनिक प्लांट रन कर रहा है.
उन्होंने बताया कि बिहार के पास ऑक्सीजन व क्रायोजेनिक स्टोरेज की कोई परेशानी नहीं है. बिहार के पास 350 मीट्रिक टन ऑक्सीजन स्टोरेज की क्षमता है. उन्होंने राज्य को केंद्र से मिल रहे ऑक्सीजन की जानकारी देते हुए बताया कि 22 अप्रैल को राज्य को 76 एमटी ऑक्सीजन मिला तो 23 अप्रैल को 63 एमटी, 24 अप्रैल को 62 एमटी, 25 अप्रैल को 156 एमटी और 26 अप्रैल को 90 एमटी ऑक्सीजन को कोटा प्राप्त हुआ.
एंबुलेंस की तरह ही ऑक्सीजन आपूर्ति करने वाले वाहनों को सुरक्षा मिलेगी. जिस वाहन पर ऑक्सीजन सिलिंडर होगा, वह किसी भी समय, कहीं भी आ-जा सकती है. कर्फ्यू के दौरान भी ऐसे वाहनों पर कोई प्रतिबंध लागू नहीं होंगे.
ऑक्सीजन आपूर्ति करने वाले वाहनों के बेरोकटोक आवागमन और सुरक्षा को लेकर जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह ने पटना जिले के सभी सिटी एसपी, ग्रामीण एसपी व अन्य पुलिस पदाधिकारियों को पत्र के माध्यम से निर्देश दिया है.
ऑक्सीजन आपूर्ति करने वाले वाहन एक जिले से दूसरे जिले और एक राज्य से दूसरे राज्य जा सकते हैं. बिहार सरकार के गृह विभाग के निर्देश पर पटना के जिलाधिकारी ने भी अपने जिले में इस व्यवस्था को लेकर आवश्यक निर्देश दिये हैं.
गृह विभाग के निर्देश के अनुसार सिलिंडर लदे वाहनों को कहीं भी आने-जाने के लिए किसी प्रकार के कागजात की आवश्यकता नहीं होगी. ऑक्सीजन सिलिंडर वाले वाहनों को इसलिए फ्री किया गया है, ताकि आवागमन में उन्हें परेशानी न हो और, वे सही समय पर गंतव्य तक पहुंच सकें.
Posted by Ashish Jha