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सम्मान व अधिकारों में कटौती पंसस के साथ अन्याय

बेतिया : प्रमुख संघ के अध्यक्ष शंभू तिवारी ने कहा कि पंचायती राज व्यवस्था में पंचायत समिति सदस्यों के सम्मान और अधिकार में कटौती अन्याय है. अपने छीने गये सम्मान और समानता के भाव तथा अधिकारों के लिए प्रमुख संघ का आंदोलन जारी रहेगा. वे सोमवार को समाहरणालय के समक्ष 11 सूत्री मांगों को लेकर […]

बेतिया : प्रमुख संघ के अध्यक्ष शंभू तिवारी ने कहा कि पंचायती राज व्यवस्था में पंचायत समिति सदस्यों के सम्मान और अधिकार में कटौती अन्याय है. अपने छीने गये सम्मान और समानता के भाव तथा अधिकारों के लिए प्रमुख संघ का आंदोलन जारी रहेगा.

वे सोमवार को समाहरणालय के समक्ष 11 सूत्री मांगों को लेकर आयोजित धरना सभा को संबोधित कर रहे थे.
इस दौरान उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के 73वें संशोधन अधिनियम के तहत बिहार में पंचायती राज अधिनियम 2008 के अधीन त्रिस्तरीय के ग्राम पंचायत, पंचायत समिति एवं जिला परिषद तीन स्तर हैं. जो एक दूसरे को पूरक के रूप में मजबूती प्रदान कर पंचायती राज व्यवस्था को धरातल पर उतारने में सहायक हैं.
पंचायत चुनाव 2001 के शुरू में तीनों स्तरों को बराबर का अधिकार था. लेकिन कुछ वर्षों के बाद ग्राम पंचायत की अपेक्षा पंचायत समिति के अधिकारों में कटौती होती आ रही है. इससे इसके प्रतिनिधि उपेक्षित महसूस कर रहे हैं. साथ ही जनता के आशाओं पर खरा उतरने की बजाय उपहास के पात्र बन रहे हैं. उन्होंने कहा कि पहले ग्राम पंचायत को जिन जिन मदों में राशि मिलती थी. उन सभी मदों से पंचायत समिति को भी राशि मिलती थी. उन सभी मदों से पंचायत समिति को भी राशि मिलती थी. इससे सभी स्तरों के प्रतिनिधियों में सम्मान और समानता का भाव था. न्याय के साथ विकास के मद्देनजर प्रदेश पंसस, उपप्रमुख, प्रमुख संघ बिहार पंचायत समितियों से छीने गये अधिकार वापस करने के लिए प्रमुख संघ ने सीएम बिहार सरकार को संबोधित एक ज्ञापन शिष्टमंडल के माध्यम से डीएम को सौंपा. इनकी मुख्य मांगों में पंचायत समितियों को मनरेगा का कार्यान्वयन एजेंसी बनायी जाय. पांचवी वित्त आयोग मद में पंसस को 20 फीसदी राशि दी जाय. 14 वीं वित्त आयोग मद में 20 फीसदी राशि केंद्र सरकार से दिलाई जाय. मुखिया के समान पंचायत समिति की राशि का कार्यान्वयन प्रमुख एवं कार्यपालक पदाधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर से करने का अधिकार दी जाय समेत अन्य मांगें शामिल हैं. धरना में प्रमुख सुनैना देवी, रंजू देवी, ललिता देवी, गीता यादव, सुशीला देवी, मधुसूदन तिवारी, प्रेमनाथ उरांव, सुरेंद्र यादव, मुकेश श्रीवास्तव के अलावा उषा सिंह, रीना देवी, मीरा देवी समेत अन्य मौजूद रहे.
मांगों को ले प्रमुखों ने समाहरणालय पर दिया एक दिवसीय धरना
वर्ष 2001 के पंचायती चुनाव के बाद तीनों स्तरों पर बराबर थे पंचायत समिति सदस्य के अधिकार : संघ
पंसस से छीने गये अधिकार और सम्मान वापसी को लेजारी
रहेगा आंदोलन

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