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ईश्वरीय प्रेम की याद दिलाता है पाम संडे

बेतिया : पाम संडे अर्थात खजूर रविवार हमें उस दिन की याद दिलाता है. जब यीशु ने मृत्यु को स्वीकार किया था. इस दिन को दुख भोग का रविवार भी कहते हैं. उक्त बातें महागिरजाघर के मुख्य पुरोहित सह बेतिया धर्मप्रांत के प्रशासक फादर लॉरेंस पास्कल ने कहीं. वे रविवार को नगर के संत तेरेसा […]

बेतिया : पाम संडे अर्थात खजूर रविवार हमें उस दिन की याद दिलाता है. जब यीशु ने मृत्यु को स्वीकार किया था. इस दिन को दुख भोग का रविवार भी कहते हैं. उक्त बातें महागिरजाघर के मुख्य पुरोहित सह बेतिया धर्मप्रांत के प्रशासक फादर लॉरेंस पास्कल ने कहीं. वे रविवार को नगर के संत तेरेसा विद्यालय परिसर में आयोजित खजूर यात्रा के पूर्व प्रार्थना में श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि जब यीशु येरूसलेम में प्रवेश किये.

तो लोग अपने हाथों में खजूर की डालियां लेकर उनकी जय जयकार करने लगे. येरूसलेम में प्रवेश करते ही यीशु ने अपने दुखभोग में प्रवेश किया. क्योंकि वे जानते थे कि येरूसलेम में उन्हें दुख भोगना होगा और क्रुस की मृत्यु सहनी होगी. मौके पर फादर इग्नासिउस रफायल ओस्ता, फादर पॉल जोसेफ, फादर आनंद पास्कल, फादर बाबू जगदीपम, फादर चेम्बरलिन के साथ हजारों श्रद्धालु मौजूद रहे.

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