शहरवासियों ने नये वर्ष 2016 का यादगार स्वागत किया. 31 दिसंबर के शाम ढ़लते ही लोगों पर नये वर्ष का सुरूर सवार हो गया था. लोग इस वक्त को गवाना नहीं चाहते थे. बच्चे हो या युवा सभी ने अपनी मस्ती में कोई कसर नहीं छोड़ी.
बेतिया : 2015 के अंतिम दिन का सूरज क्या ढ़ला,लोगों पर नये वर्ष 2016 के उमंग व उत्साह का सुरूर सवार हो गया. नगर के कई मुहल्लों में डीजे की तेज साउंड पर फिल्मी गीतों की शोर गूजने लगी. युवा व बच्चे उस पर झूम-झूम कर हैप्पी न्यू इयर का शोर मचाने लगे. रेस्टोंरेट व होटलों में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी थी. नगर की सड़कों पर शाम के 5 बजते ही सन्नाटा पसरने लगा. अगर भीड़ भी दिख रही थी तो मिठाईयों व रेस्टोरेंटों में ही. छोटा हो या बड़ा हर कोई नव वर्ष का स्वागत अपने ढंग से करने में मशगूल था.
जगमाया उठा आसमान
डीजे की धुन तो सारी रात कभी तेज तो कभी धीरे साउंड में सुनाती ही रही. लेकिन 31 दिसंबर की सर्द रात जब अपने पूरे जवानी पर थी. तभी घड़ी की सुई टिक-टिक कर 12 बजा दी. रात के 12 क्या बजे आसमान रंग- बिरंगे पटाखों व आतिशबाजी से चमक उठा. हजारा पटाखों की शोर ने गहरी नींद में खर्राटे मार रहे लोगों को जगा दिया. यह क्रम करीब पूरे एक घंटे तक चलता रहा.
नव वर्ष के शुभकामना से पटा सड़क व शहर
नव वर्ष 2016 की शुभकामना का एक अलग ही क्रेज में शहर से लेकर गांवों तक दिखा. शहर की मुख्य सड़कों पर भी युवाओं ने पेटिंग कर हैप्पी न्यू इयर का स्वागत किया. शहर के कई वार्ड के सड़कों पर चूना से नये वर्ष 2016 का शुभकामना उकेरा गया था.वही रातों रात शहरों में नेताओं व समाजसेवियों के शुभकामना बोर्ड भी लग गये.