बंदोबस्ती नियम का उल्लंघन कर बनायी दुकान
राशि उगाही कर दूसरों को किया आवंटित
खुलासा होने पर प्राथमिकी का दिया गया आदेश
मोतिहारी : शहर स्थित जिला परिषद की सरकारी भूमि का अवैध रूप से आवंटन कर लाखों रुपये की उगाही हुयी है. छतौनी सब्जी बाजार के नाम पर बंदोबस्त करीब डेढ़ एकड़ भूमि को फर्जी रसीद पर दूसरों को आवंटित की गयी है. यह सारा खेल एक साल के प्लाट बंदोबस्ती के दौरान हुआ है. मामला सामने आने पर जिप प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए बंदोबस्त धारक मनोज कुमार गुप्ता पर प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिया है. इससे पहले की कार्रवाई में जिप प्रशासन ने वर्ष 2016-17 के लिए बंदोबस्ती को निरस्त कर दिया है.
वही संबंधित भूमि पर कराये गये अवैध स्थाई निर्माण को हटाने का निर्देश दिया है. बताते चले कि जिला परिषद का यह प्लाट छतौनी डीडीसी आवास के ठीक सामने मनरेगा पार्क से सटा है. मुख्य पथ किनारे खाली इस भूखंड को जिला परिषद ने छतौनी सब्जी बाजार के नाम पर एक साल के लिए खुला डाक से अस्थायी बंदोबस्त किया. वर्ष 2016-17 की बंदोबस्ती मनोज कुमार गुप्ता के नाम एक लाख 22 हजार रुपये में हुयी थी. बंदोबस्ती के बाद मनोज ने चालाकी दिखाते हुए अस्थायी बंदोबस्ती की जगह उक्त भूमि पर पक्का दीवार खड़ा कर शेड डाल दुकान बना दी. और फर्जी रसीद पर एक-एक दुकान मोटी राशि लेकर दूसरों कई लोगों को आवंटित कर दी.
जिप अध्यक्ष के संज्ञान पर हरकत में आया प्रशासन: डीडीसी कार्यालय के ठीक सामने अस्थायी बंदोबस्ती वाले शहर की करोड़ों की भूमि पर स्थायी निर्माण के बाद भी प्रशासन का ध्यान नहीं गया.लेकिन सूचना मिलते ही मामले को जिप अध्यक्ष ने संज्ञान में लेते हुए जांच के आदेश दिये.
जांच के स्थायी निर्माण की बात सामने आने पर अध्यक्ष ने डीडीसी एवं जिप अभियंता को नोटिस करते हुए अविलंब कार्रवाई का आदेश दिया.
सहायक अभियंता को प्राथमिकी का आदेश : जिप की भूमि पर अवैध स्थायी निर्माण एवं फर्जी रसीद पर आवंटन की शिकायत को लेकर मनोज कुमार गुप्ता पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश जिला अभयंता ओजैर अहमद ने दिया है. प्राथमिकी की जिम्मेवारी जिप सहायक अभियंता सुरेंद्र प्रसाद को सौंपी है.
सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप : अस्थायी बंदोबस्ती की जगह स्थायी निर्माण के लिए नियमों का उल्लंघन करने, फर्जी रसीद पर दुकान आवंटन कर अवैध राशि की उगाही के लिए धोखाधड़ी एवं स्थायी निर्माण को हटाने गये जिप कर्मी एवं पदाधिकारी के साथ दुर्व्यवहार एवं सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप है. जिसका जिक्र जिला अभियंता ने अपने पत्र में किया है.