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खंडहर में तब्दील मुकेश का मेहसी मड़ुआबाद स्थित पैतृक घर. फोटो। प्रभात खबर

मेहसी मड़ुआबाद का घर बना खंडहर मोतिहारी/मेहसी : मुकेश पाठक के पिता ललन ठाकुर की देश की सेवा और शिक्षक के रूप में फर्राटेदार अंगरेजी को गांव के लोग आज भी याद कर कहते हैं कि आखिर मुकेश ने यह रास्ता क्यों चुन लिया. मुकेश पाठक के पिता एयरफोर्स की नौकरी से अवकाश ग्रहण करने […]

मेहसी मड़ुआबाद का घर बना खंडहर

मोतिहारी/मेहसी : मुकेश पाठक के पिता ललन ठाकुर की देश की सेवा और शिक्षक के रूप में फर्राटेदार अंगरेजी को गांव के लोग आज भी याद कर कहते हैं कि आखिर मुकेश ने यह रास्ता क्यों चुन लिया. मुकेश पाठक के पिता एयरफोर्स की नौकरी से अवकाश ग्रहण करने के बाद मेहसी के महात्मा गांधी इंटर कॉलेज में बच्चों को अंगरेजी की शिक्षा देते थे. बाद के दिनों में उनकी नौकरी एलआइसी में लग गयी. घर के अच्छे किसान ललन पाठक की छतदार मकान यशोदा भवन के रूप में आज भी उनकी देशभक्ति की याद को ताजा करती है.
दो वर्ष पूर्व उनका निधन हो गया. मुकेश का अपराध की दुनिया में कदम रखने व बड़े भाई का किसी शहर (संभवत: झारखंड) में नौकरी करने के कारण घर पर घास-फुंस उग गये हैं. खिड़की, दरवाजे कुर्की के दौरान पुलिस वाले ले गये. उसका घर खंडहर बन गया है. चाचा व मुखिया हत्याकांड में अभी सुनवाई प्रक्रिया में है. इधर, रांची रामगढ़ से गिरफ्तारी के बाद गांव व आस-पास के लोग कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है.
पिता ललन पाठक एयरफोर्स के थे जवान
मेहसी इंटर कॉलेज में शिक्षक के रूप में किया है काम
अच्छे किसान परिवार का है मुकेश
चढ्ढा एंड चढ्ढा कंपनी से वसूले 50 लाख
उत्तर बिहार में मुजफ्फरपुर-सोनवर्षा पथ निर्माण कर रही चढ्ढा एंड चढ्ढा कंपनी के सुपरवाइजर की हत्या इसलिए कर दी गयी कि एक करोड़ फिरौती की राशि नहीं मिली थी. सूत्रों के अनुसार उक्त घटना में मुकेश, चिरंजीवी भगत, लंकेश ने अंजाम दिया था. साथ में निकेश, ऋषि भगत, अरुण, मृत्युंजय, उदय आदि भी थे. घटना के बाद कंपनी से गिरोह को 50 लाख की रंगदारी मिली थी.
अधिकांश संरक्षक पूर्वी चंपारण व सीतामढ़ी के
मुकेश गिरोह के अन्य अपराधियों के गिरफ्तारी के बाद संरक्षक के रूप में जिन लोगों का नाम आया है. उसमें लंकेश झा, श्यामसुंदर ठाकुर, पवन उपाध्याय, गौतम ठाकुर, दीपक झा, विनय बिहारी, राजू सिंह, चिरंजीवी सागर, अमित पांडेय, निकेश दूबे, बबलू दूबे, सत्येंद्र झा व विमलेंदू सिंह शामिल हैं. गिरोह के पास एके 47, एके 56, पिस्टल, कार्बाइन, सेमी ऑटोमेटिक राइफल व अन्य हथियार हैं. रंगदारी की राशि का उपयोग ठेकेदारी, जमीन खरीद-बिकी और कतिपय परिचितों के खातों में राशि जमा है.
मुकेश गिरोह का कार्य क्षेत्र व ठिकाना
उत्तर बिहार के दरभंगा, शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, गोपालगंज, झारखंड, उड़िसा, पड़ोसी देश नेपाल सहित कई अन्य प्रदेशों में उसका ठिकाने हैं.
मोतिहारी पुलिस लेगी रिमांड पर
पूर्वी चंपारण में मुकेश पाठक पर दर्ज विभिन्न मामलों में अनुसंधान व जांच को लेकर आवश्यकता हुई तो रिमांड पर लिया जायेगा, ताकि मुकेश पाठक के नाम मांगी गयी रंगदारी व मामलों का खुलासा हो सके.
पंकज रावत, प्रभारी एसपी सह सदर डीएसपी, मोतिहारी

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