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नये विधायकों के कोष में नहीं बची है फूटी कौड़ी

मोतिहारी : बिहार विधान सभा चुनाव के बाद 12 में आठ विधायक पूर्व विधायक की श्रेणी में है तो चार विधायकों ने जीत कर अपनी कुरसी बचा ली है़ कुछ विधायक दल से टिकट नहीं मिलने के कारण पूर्व विधायक है तो कुछ चुनाव हार कर. जिन्हें चुनाव जीतने के बाद विधायक का दर्जा मिला […]

मोतिहारी : बिहार विधान सभा चुनाव के बाद 12 में आठ विधायक पूर्व विधायक की श्रेणी में है तो चार विधायकों ने जीत कर अपनी कुरसी बचा ली है़ कुछ विधायक दल से टिकट नहीं मिलने के कारण पूर्व विधायक है तो कुछ चुनाव हार कर. जिन्हें चुनाव जीतने के बाद विधायक का दर्जा मिला है उनके विधायक कोष (सीएम क्षेत्र विकास योजना) में एक भी फूटी कौड़ी नहीं है़ ऐसे में नव निर्वाचित विधायकों को मार्च (वर्तमान वित्तीय वर्ष) बीतने का करना होगा इंतजार.

विभाग से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2015-16 में सभी 12 विधायकों के लिए दो-दो करोड़ की राशि आवंटित हुई थी़ चुनाव आचार संहिता के पूर्व तत्कालीन सभी विधायकों ने संबंधित राशि की योजना स्वीकृत करा अपने कोष को शून्य कर दिया है़ ऐसे में विधान सभा चुनाव के बाद जो नये आठ विधायक बने है उनके लि ए अभी अवशेष राशि शून्य कहीं जायेगी़ ये लोग अपने कोष से मार्च 2016 तक एक भी योजना की स्वीकृति नहीं दे पायेंगे़ क्योंकि वित्तीय वर्ष समाप्ति के करीब छह माह पूर्व ही विधायकों ने योजना पारित कर शून्य कर दी है़ अपने कोष की राशि़ जो चार पुराने विधायक जीते है वे स्वीकृत योजनाओं को पूरा कराने में सचेष्ट रहेंगे़

चार पुराने जो इस चुनाव में भी जीते है: सुगौली विस से रामचंद्र सहनी, रक्सौल से डा अजय कुमार सिंह, मोतिहारी से प्रमोद कुमार, सचिंद्र प्रसाद सिंह कल्याणपुर, जो पूर्व में केसरिया के विधायक थे़

नये विधायक जिनका कोष है अभी शून्य:नरकटिया विस के डा शमीम, हरसिद्धि के राजेंद्र राम, गोविंदगंज के राजू तिवारी, केसरिया के डा राजेश कुमार, पिपरा के श्यामबाबू यादव, मधुबन के ई़ राणा रंधीर सिंह, ढाका के फ ैसल रहमान और चिरैया के लालबाबू प्रसाद गुप्ता पहली बार विधायक बने है़

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