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केविवि के तत्कालीन वीसी डाॅ अग्रवाल पर कोर्ट ने लिया संज्ञान

मोतिहारी : महात्मा गांधी केंद्रीय विवि मोतिहारी के तत्कालीन कुलपति पर कोर्ट ने गैर जमानती धाराओं में संज्ञान लिया है. मामले की सुनवाई गुरुवार को एसीजेएम पांच अमित कुमार दीक्षित ने की. मामले के सूचक राष्ट्रीय दलित मानवाधिकार अभियान के जिला संयोजक राजू बैठा हैं. केविवि के प्राध्यापक शशिकांत रे, भानू प्रताप सिंह व सूचक […]

मोतिहारी : महात्मा गांधी केंद्रीय विवि मोतिहारी के तत्कालीन कुलपति पर कोर्ट ने गैर जमानती धाराओं में संज्ञान लिया है. मामले की सुनवाई गुरुवार को एसीजेएम पांच अमित कुमार दीक्षित ने की. मामले के सूचक राष्ट्रीय दलित मानवाधिकार अभियान के जिला संयोजक राजू बैठा हैं. केविवि के प्राध्यापक शशिकांत रे, भानू प्रताप सिंह व सूचक राजू बैठा आदि के बयान के बाद कोर्ट ने आइपीसी की धारा 420, 465, 467, 471, 504 में संज्ञान लिया है.

जानकारी के अनुसार, बासमनपुर निवासी राजू बैठा ने तत्कालीन कुलपति डाॅ अरविंद अग्रवाल पर फर्जी डिग्री के आधार पर कुलपति बनने, कम अंक वालों का केविवि में नामांकन करने व अधिक अंक वालों को छांटने का आरोप लगाते हुए कोर्ट मेंपरिवाद दायर किया था. बताया जाता है कि डाॅ अग्रवाल ने जयपुर विश्वविद्यालय से पीएचडी किया था और कुलपति के लिए दिये गये आवेदन में जर्मनी से डिग्री लेने की बात कही.
उन्होंने स्नातक में करीब 44 प्रतिशत अंक प्राप्त किया था, जबकि आवेदन में 60 प्रतिशत से ज्यादा दिखाया. इसके अलावा केविवि के निर्माण राशि में अनियमितता सहित कई मामलों का उल्लेख किया गया है. कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सूचक व अन्य लोगों का बयान दर्ज कर इसे गंभीर बताते हुए गैरजमानती धाराओं में संज्ञान लिया है. बता दें कि डॉ अरविंद अग्रवाल तीन फरवरी 2016 से 15 नवंबर 2018 तक महात्मा गांधी केंद्रीय विवि मोतिहारी के कुलपति रहे हैं.

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