मोतिहारी : बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए तैयार किये जा रहे राहत पैकेज में किस तरह का खेल खेला जा रहा है, समाहरणालय परिसर में स्थित प्रेस क्लब के भवन में तैयार किये जा रहे पैकिंग को देख सहज अनुमान लगाया जा सकता है. रिकाॅर्ड में भले ही सौ ग्राम हल्दी पीड़ितों को दिया जा रहा है लेकिन वास्तविकता कुछ और है.
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सौ की जगह दे रहे 12 ग्राम हल्दी का पैकेट
मोतिहारी : बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए तैयार किये जा रहे राहत पैकेज में किस तरह का खेल खेला जा रहा है, समाहरणालय परिसर में स्थित प्रेस क्लब के भवन में तैयार किये जा रहे पैकिंग को देख सहज अनुमान लगाया जा सकता है. रिकाॅर्ड में भले ही सौ ग्राम हल्दी पीड़ितों को दिया […]
शिकायत मिलने के बाद डीएम रमन कुमार मंगलवार को पैकेज सेंटर का निरीक्षण किया. इस दौरान सौ ग्राम हल्दी की जगह 12 ग्राम ही दिया जा रहा है. डीएम ने मामले को गंभीर से लेते हुए कहा कि यह मामला पूरी तरह से संदेह के घेरे में है और दोषी किसी भी सूरत में बख्शे नहीं जायेंगे. उन्होंने उसके भुगतान पर रोक लगाने का निर्देश दिया है और कहा है कि जांच होने के बाद ही भुगतान किया जायेगा.
नोडल पदाधिकारी सह एडीएसओ पर होगी कार्रवाई :
डीएम ने केंद्र के नोडल पदाधिकारी सह एडीएसओ अजय शर्मा पर कठोर कार्रवाई करने व स्पष्टीकरण पूछने का आदेश सदर एसडीओ रजनीश लाल को दिया है और कहा है कि संतोष जनक जवाब नहीं मिलने पर कठोर कार्रवाई की जायेगी. कहा कि रिकॉर्ड में सौ ग्राम व वास्तविक रूप में 12 ग्राम हल्दी का मिलना काफी गंभीर विषय है और ऐसे में कार्रवाई तय है. बंजरिया व मोतिहारी के विभिन्न क्षेत्रों में इस केंद्र से राहत पैकेट भेजा गया है. दोनों जगहों से एक-एक पैकेट मंगवाया गया है. जांच गहनता से होगी और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जायेगी.
डीएम साहब, यह हल्दी घोटाला तो नहीं है?
डीएम साहब सभी केंद्रों की जांच अपने स्तर से करें. अधिकारी बेईमान हो गये हैं और उनकी आत्मा मर गयी है. आप अपने से देखें और कार्रवाई करें, शायद बाढ़ पीड़ितों के नाम पर हल्दी घोटाला तो नहीं हो रहा है. राहत पैकेज केंद्र के डीएम द्वारा किये गये जांच व मिली गड़बड़ी के बाद इस मुद्दे को ले एक लंबी बहस छिड़ गयी है.
लोग डीएम की ओर मुखातिब हो यह कह रहे हैं कि डीएम साहब यह हल्दी घोटाला तो नहीं? कम हल्दी पूर्व से ही अधिकारियों को अंधकार में रखकर दिया जा रहा था, या फिर मंगलवार को ही दिया गया था? कई तरह के सवाल खड़े किये जा रहे हैं और जिले के सभी राहत पैकेट केंद्रों को संदेह के घेर में देखा जा रहा है. हालांकि डीएम द्वारा की गयी कार्रवाई की लोगों ने सराहना की है. इस कार्रवाई से दूरगामी असर क्या होगा,यह तो भविष्य तय करेगा लेकिन गड़बड़ी की मंशा रखने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों की परेशानी बढ़ गयी है.
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